दुष्कर्म के आरोपी चाचा को आजीवन कारावास की सजा

जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2023-05-26 17:43 GMT
यूपी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने नाबालिग भतीजी के साथ चाचा द्वारा दुष्कर्म करने के मामले की गंभीरता को देखते हुए तेजी से सुनवाई की और तीन वर्ष से भी कम समय में सुनवाई पूरी कर शुक्रवार को निर्णय सुनाया। जिसमें कोर्ट ने मामले के आरोपी चाचा को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि सिंभावली थाना क्षेत्र एक गांव निवासी एक नाबालिग ने थाने में तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उनकी आयु 14 वर्ष है।
उसके पिता की करीब पांच वर्ष व माता की तीन वर्ष पहले मौत हो चुकी है। जिसके बाद से वह और उसका भाई अपने चाचा गप्पू सिंह के पासं रहते है। मेरे चाचा मुझ पर गलत नजर रखते है। छह जून 2020 की रात में एक कमरे में सोये हुई थी। तभी मेरे चाचा गप्पू समय करीब एक बजे कमरे में आए और स्टिरयो तेज आवाज में बजा दिया। जिसके बाद उन्होंने मुझे डरा-धमकाकर मेरे साथ दुष्कर्म किया। मेरे शोर मचाने पर मेरा भाई भी जग गया। घटना के बाद वह बहुत डर गई थी। जिसके बाद उसने सुबह को अपनी बुआ को फोन पर घटना के बारे में बताया। साथ ही परिवार की दादी को भी घटना के बारे में बताया। पुलिस ने आरोपी गप्पू के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और मामले के आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट चल रही थी।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा
न्यायाधीश श्वेता दीक्षित ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश श्वेता दीक्षित ने आरोपी गप्पू को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर ग्यारह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। साथ ही न्यायाधीश ने अपने आदेश में अर्थदंड की अस्सी प्रतिशत धनराशि पीडि़ता को देने के लिए भी कहा है।
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