कर्नाटक। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट को अंजाम देने वाला आतंकी पहले से NIA के केस में वांटेड था. NIA ने मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा पर 3-3 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. वांटेड रहते हुए भी दोनों ने बम धमाके की वारदात को अंजाम दिया था. दोनों शिवमोगा के ISIS मॉड्यूल से जुड़े हुए थे. बता दें कि 1 मार्च को कैफे के ब्रुकफील्ड आउटलेट पर लो इंटेनसिटी का धमाका हुआ था. इस धमाके में ग्राहक और होटल कर्मचारी सहित 10 लोग घायल हो गए थे. धमाका होते ही कैफे के अंदर धुआं भर गया और जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने नजर आए थे. शुरू में लोगों को लगा था कि शायद ये सिलेंडर ब्लास्ट है।
मगर, जब पुलिस और NIA की टीम मौके पर पहुंची, तो शक की सूई दूसरी ओर घूम गई. इसके बाद केस पूरी तरह NIA को सौंप दिया गया. इसके बाद की जांच के दौरान कैफे में ब्लास्ट के आरोपी की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं. तस्वीरों में आतंकी अलग अलग दिन कभी टोपी तो कभी बिना टोपी और कभी मास्क पहनकर बस में यात्रा करते हुए देखा गया था. इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संदिग्ध की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए इसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी। धमाके के बाद महाशिवरात्रि के अवसर पर कैफे को बड़ी धूमधाम से फिर से खोला गया था।
प्रशासन के मुताबिक, ग्राहकों की जांच के लिए कैफे के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. एंट्री की अनुमति देने से पहले कर्मचारी प्रत्येक ग्राहक की हैंडहेल्ड डिटेक्टरों से जांच करेंगे. सभी ग्राहकों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और कर्मचारी किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखेंगे. द रामेश्वरम कैफे के सह-संस्थापक और सीईओ, राघवेंद्र राव ने अपने कर्मचारियों के साथ ग्राहकों का स्वागत करने से पहले राष्ट्रगान गाया था. इसके बाद ग्राहकों को गेट पर लगाए गए मेटल डिटेक्टर से गुजरना पड़ा. इस दौरान कैफे के मालिक राघवेंद्र राव ने कहा था कि हमने अपनी सुरक्षा टीम को मजबूत किया है. मह पूर्व सैनिकों को शामिल करके एक अलग पैनल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हमारी सभी शाखाओं में तैनात सुरक्षा गार्डों को प्रशिक्षित कर सकें।