राम मंदिर उद्घाटन: बंदियों में उत्साह, एक ने लिया ये फैसला

फतेहपुर: फतेहपुर सदर कोतवाली क्षेत्र का 25 वर्षीय जियाउल हक एक संगीन केस में जिला कारागार में निरुद्ध है। करीब दो माह से जेल में बंद इस बंदी को पिछले माह की 11 सौ रुपये मजदूरी मिली है। उसने जेल प्रशासन से अपनी मजदूरी रामलला को भेजने का अनुरोध किया है। उसका कहना है कि …

Update: 2024-01-17 22:19 GMT

फतेहपुर: फतेहपुर सदर कोतवाली क्षेत्र का 25 वर्षीय जियाउल हक एक संगीन केस में जिला कारागार में निरुद्ध है। करीब दो माह से जेल में बंद इस बंदी को पिछले माह की 11 सौ रुपये मजदूरी मिली है। उसने जेल प्रशासन से अपनी मजदूरी रामलला को भेजने का अनुरोध किया है। उसका कहना है कि श्रीराम के प्रति उसकी गहरी अस्था है। राम सबके हैं। उसकी इच्छा है कि जेल से छूटने के बाद रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाए। दूसरे बंदी जवाहर ने भगवान राम और मां सीता की तस्वीर जेल प्रशासन को देकर उसे अयोध्या पहुंचाने की गुहार लगाई है।

वहीं, गंभीर मामले में निरुद्ध 65 साल के जवाहर ने भगवान राम और मां सीता की तस्वीर बनाई है। इसी जिला कारागार में निरुद्ध हर धर्म व पंथ के बंदी इन दिनों श्रीराम की तस्वीर वाले भगवा झोले तैयार कर हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे 1122 झोले केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के माध्यम से अयोध्या भेजे जाएंगे। जेल अधीक्षक मो. अकरम खान ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बंदियों में उत्साह है। 22 जनवरी को जेल में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा।

कानपुर जेल में बंद कैदी जेल परिसर में ही श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पताका और झंडियां बना रहे हैं। जेल में बंद कैदियों में करीब 30 से 40 कैदी ऐसे हैं जो मिट्टी के दीए भी बना रहे हैं। साथ ही साथ राम नाम की पताका भी बना रहे हैं, जिसे 22 जनवरी से पहले बनाकर अयोध्या भेजा जाएगा और जेल में बन रहे मिट्टी के दीए भी जेल से अयोध्या पहुंचेंगे। कैदियों की इच्छा थी कि वो जेल में मिट्टी के दीए जेल में खुद बनाकर अयोध्या भेजें और कुछ दीयों से जेल को भी रौशन करें।

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