रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, इस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता के बिगड़े बोल, मचेगा बवाल

गाजीपुर: विवादास्‍पद बयानों को लेकर अक्‍सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर कुछ ऐसा ही बयान दिया। इस बार उन्‍होंने अयोध्‍या के राममंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्‍ठा को ढोंग और आडंबर बता दिया है। उन्‍होंने कहा कि प्राण प्रतिष्‍ठा से पत्‍थर सजीव हो जाता तो …

Update: 2024-01-23 22:20 GMT

गाजीपुर: विवादास्‍पद बयानों को लेकर अक्‍सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर कुछ ऐसा ही बयान दिया। इस बार उन्‍होंने अयोध्‍या के राममंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्‍ठा को ढोंग और आडंबर बता दिया है। उन्‍होंने कहा कि प्राण प्रतिष्‍ठा से पत्‍थर सजीव हो जाता तो फिर तो कोई मरता ही नहीं। ऐसा हो सकता तो फिर मुर्दे क्‍यों नहीं चल सकते।

स्‍वामी प्रसाद कर्पूरी ठाकुर सेना की ओर से गाजीपुर के लंका मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्‍बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम मे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी वर्ष जयन्ती समारोह मनाया गया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। कर्पूरी ठाकुर के बताये रास्ते पर चलकर ही इस मुल्क को भाजपा की तानाशाही हुकूमत से छुटकारा दिला सकते हैं। अयोध्‍या में हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को जनता के बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा का पाखंड बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र पर गहरा संकट है। भाजपा सरकार जनता के मौलिक अधिकारों पर कुठारघात कर रही है। वह विरोधियों की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है।

मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार को केवल बड़े पूंजीपतियों की चिंता है। उन्हें छोटे कारोबारियों और गरीबों की कोई चिंता नही है। उन्‍होंने कहा कि देश में बेरोजगारी पर चर्चा न हो इसलिए ऐसे ड्रामे किए जा रहे हैं। कहा कि भगवान राम की पूजा तो हजारों साल से हो रही है। हजारों साल से जिनकी पूजा करोड़ों लोग कर रहे हैं तो फिर उनके अंदर प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत क्‍या है। सत्‍ता में बैठे लोग अपने पाप छिपाने के लिए ऐसे ड्रामे का सहारा ले रहे हैं। ऐसा करके वे खुद को भगवन से बड़ा साबित करना चाहते हैं। यदि वास्‍तव में यह धार्मिक आयोजन होता तो इसमें चारों शंकराचार्य भी होते। राष्‍ट्रपति आमंत्रित होने के बाद भी यहां नहीं आईं। स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह सिर्फ बीजेपी का कार्यक्रम बनकर रह गया। पूरे कार्यक्रम में बीजेपी, विश्‍व हिन्‍दू परिषद और आरएसएस के लोग ही थे।

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