1040 किलोमीटर की सीमा पर तैनात 8 हजार सुरक्षा प्रहरियों को बांधेंगे रक्षासूत्र

Update: 2023-08-30 14:23 GMT
जैसलमेर। जैसलमेर सीमा पर तैनात सुरक्षा प्रहरियों की कलाइयों पर राखी बांधकर सरहदी जिलों की बहनें उनकी लंबी उम्र की कामना करेगी। अपने घरों से मीलों दूर सीमा दूर सीमा पर निगरानी रखने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान भी रक्षाबंधन पर्व का इंतजार करते हैं, क्योंकि सीमा पर बहनें पहुंचती है रक्षासूत्र बांधने। इस बार रक्षाबंधन पर पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले की दुर्गम रेतीले इलाकों में बनी सीमा चौकियों पर पांच जिलों की बेटियां इस पहल में शामिल होगी। करीब 1040 किमी लंबी पश्चिमी सरहद पर करीब 225 वाहनों में 150 से अधिक टोलियां सरहद पर जाएगी। गौरतलब है कि सीमा जन कल्याण समिति की ओर से विगत दो दशकों से सरहद पर जाकर सुरक्षा प्रहरियों के साथ रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है।
इस बार जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर व नए बने जिले अनूपगढ़ से विभिन्न टोलियों में बालिकाएं रक्षासूत्र के साथ जवानों के लिए स्कूली छात्राओं की ओर से लिखे पत्र भी ले जाएगी। सरहद के निगेहबानों की कलाई पर राखी बांधने सरहदी जिलों में सीमा सुरक्षा बल की स्थापित सीमा चौकियों पर पश्चिमी राजस्थान के पांच जिलों में बॉर्डर पर तैनात बल के करीब 8 हजार जवानों की सूनी कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधे जाएंगे। रेत के समंदर में सीमा चौकियों तक पहुंचकर जवानों को रक्षासूत्र बांधने की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। जिला और तहसील केन्द्रों से जाने वाली रक्षाबंधन टोलियां अपने साथ स्कूलों, कॉलेजों में अध्ययनरत छात्राओं की ओर से जवानों के नाम हस्तलिखित रक्षा बंधन पत्रक और राखियां भी साथ ले जाते हैं।
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