जयपुर: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. हरियाणा और राजस्थान में तय सीटों से ज्यादा उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में खड़े होकर कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ा दी हैं. ऐसे में राज्यसभा की बाजी जीतने के लिए सेंधमारी की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं और विधायकों की खरीद-फरोख्त को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस 'रिसॉर्ट पालिटिक्स' की रणनीति का सहारा ले रही है.
कांग्रेस अपने विधायकों को सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने लगी है. राजस्थान से चौथी राज्यसभा सीट के लिए निर्दलीय मैदान में उतरे जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा को बीजेपी ने समर्थन दे दिया है, जिससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है. कांग्रेस राज्यसभा की तीन सीट जीतने के लिए किसी तरह का कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. कांग्रेस राजस्थान के अपने विधायकों को लेकर उदयपुर के अरावली रिजॉर्ट लेकर जाएगी.
जयपुर के क्लार्क होटल में कांग्रेस के चल रहे प्रशिक्षण शिविर के बाद विधायकों को उदयपुर रिजार्ट में लेकर जाएगी. इसके अलावा जैसलमेर के सूर्यगढ़ में भी 40 कमरे बुक कराए गए हैं. वहीं, बीजेपी भी अपने विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए होटल में बाड़ेबंदी करेगी. इस तरह से कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी भी अपने विधायकों को खरीद-भरोख्त से बचाए रखना चाहती है, जिसके लिए उन्हें सुरक्षित ठिकाने पर रखने की रणनीति अपना रही है.
वहीं, हरियाणा में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कार्तिकेय शर्मा के राज्यसभा चुनाव में उतरने और बीजेपी-जेजेपी के समर्थन के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है. क्रॉस वोटिंग के खतरे को भांपते हुए आलाकमान ने सभी कांग्रेस विधायक दिल्ली बुलाया है और उन्हें राजस्थान ले जाने की तैयारी है. इसी मद्देनजर गुरुवार को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विवेक बंसल के साथ विधायकों की बैठक होगी.
दिल्ली में होने वाली बैठक में हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही नाराज़ चल रहे आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई को भी बुलाया गया है. इससे पहले चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी कुलदीप नहीं पहुंचे थे. कुलदीप ने कांग्रेस के कार्यक्रमों से पूरी तरह से दूरी बनाई हुई है. ऐसे में दिल्ली की बैठक में भी पहुंचने के आसार बहुत कम हैं.
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय के निर्दलीय के समर्थन से मैदान में आने से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है, क्योंकि कांग्रेस के विधायक कुलदीप शर्मा निर्दलीय राज्यसभा के लिए उतरे कार्तिकेय शर्मा के ससुर हैं. इस तरह कुलदीप शर्मा और कुलदीप बिश्नोई कहीं कांग्रेस के सियासी समीकरण को बिगाड़ ने दें, जिसके चलते शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है.
हरियाणा के सभी विधायकों को राजस्थान के जैसलमेर के सूर्यगढ़ रिजार्ट में इकट्ठा किया जा सकता है और जब तक चुनाव नहीं हो जाता तब तक उन्हें रखा जाएगा ताकि कोई उनसे कोई सम्पर्क न करे सके. कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, जिनमें से कई विधायक नाराज है. ऐसे में कांग्रेस के लिए राज्यसभा सीट जीतने के लिए अपने एक-एक वोट बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीट पर चुनाव होने हैं और तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. एक सीट जीत के लिए 31 विधायकों की जरूरत है. भाजपा के पास अपने 41 विधायक हैं और उसके उम्मीदवार कृष्ण लाल पवार 31 वोट हासिल कर आराम से जीत सकते हैं. कांग्रेस के पास भी 31 विधायक हैं और सभी वोट मिलने पर ही अजय माकन जीत सकते हैं. ऐसे में एक भी वोट खिसकने पर कांग्रेस के लिए निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा चुनौती बन जाएंगे. इस तरह अजय माकन के लिए भी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
राजस्थान में बीजेपी ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा को समर्थन देकर कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार के लिए संकट बढ़ा दिया है. राज्य में जीत के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए. ऐसे में भाजपा के पास अपने एक उम्मीदवार को 41 वोट देने के बाद 30 वोट अतिरिक्त रहते हैं, जो निर्दलीय सुभाष चंद्रा को जाएंगे. ऐसे में चंद्रा अगर 11 वोट हासिल कर लेते हैं तो कांग्रेस का तीसरा उम्मीदवार हार जाएगा. कांग्रेस के पास अपने 108 विधायक हैं यानी, उसे 15 और का समर्थन चाहिए. कांग्रेस का दावा 126 विधायकों के समर्थन का है, लेकिन सभी के समर्थन का भरोसा नहीं किया जा सकता है. ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने में जुटी है.