राजनाथ सिंह: 'भारत को रक्षा और एयरो स्पेस उद्योगों में शीर्ष 5 देशों में शामिल करना हमारा मकसद'

एयरो इंडिया 2021 को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'हम भारत को रक्षा और एयरो स्पेस उद्योगों में शीर्ष पांच देशों में शामिल

Update: 2020-10-07 15:14 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एयरो इंडिया 2021 को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'हम भारत को रक्षा और एयरो स्पेस उद्योगों में शीर्ष पांच देशों में शामिल करना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य डिजाइन से लेकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ उत्पादन, आत्मनिर्भरता और अन्य मैत्रीपूर्ण देशों की मांगों को पूरा करना है।'

राजनाथ सिंह ने कहा कि 'एयरो इंडिया ने भारतीय रक्षा और एयरो स्पेस उद्योगों की क्षमताओं को दिखाने के लिए खुद के लिए एक जगह बनाई है और यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया है। द्विवार्षिक एयर शो, और विमानन प्रदर्शनी का 13वां संस्करण तीन से सात फरवरी 2021 से आयोजित होने वाला है।'

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने एयरो इंडिया का 13वां सत्र कोरोना वायरस महामारी के बावजूद अगले वर्ष बंगलूरू में तीन से सात फरवरी के बीच आयोजित करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। सूत्रों के मुताबिक पारंपरिक तरीके से बंगलूरू में होने वाला इस द्विवार्षिकी कार्यक्रम का आयोजन मंत्रालय ने घरेलू रक्षा उद्योग और प्रमुख वैश्विक ऐयरो स्पेस जगत से चर्चा के बाद निर्धारित समय के अनुसार करने का फैसला किया है। यह आयोजन एशिया की सबसे बड़ी एयरो स्पेस प्रदर्शनी है। सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस आयोजन के सिलसिले में कई आंतिरक बैठकें भी की हैं। 

एयरो इंडिया प्रदर्शनी की शुरुआत 1996 में हुई थी और तब से यह बंगलूरू में आयोजित हो रही है। सूत्रों ने बताया कि एयरो स्पेस उद्योग में विश्व की रक्षा क्षेत्र की बड़ी कंपनियां और प्रमुख निवेशक हिस्सा लेंगे। इनके अलावा कई देशों के आधिकारिक प्रतिनिधियों के भी इसमें शिरकत करने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय की योजना इस आयोजन के जरिए भारत के रक्षा उत्पादन की पहल से दुनिया को अवगत कराना है। घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई नीतिगत पहल की है।

राजनाथ सिंह ने नौ अगस्त को घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 101 हथियारों और सैन्य उपकरणों के आयात पर 2024 तक के लिए रोक लगाने की घोषणा की थी। इन उपकरणों में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मालवाहक विमान, पारंपरिक पनडुब्बियां और क्रूज मिसाइल शामिल हैं। इसका मकसद घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन देना है। ऐसे ही एक अन्य घटनाक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने घरेलू उद्योग के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए नेविगेशन राडार, टैंक ट्रांसपोर्टर जैसी 108 सैन्य प्रणालियों और उप-प्रणालियों की पहचान की थी। 

Tags:    

Similar News

-->