राजस्थान। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के बीच राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इसकी वजह है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की संभावना। ऐसे में सीनियर कांग्रेस नेता सचिन पायलट के राज्य का सीएम बनने की चर्चा तेज है। एक तरफ जहां पायलट कैंप नेशनल लीडरशिप से मिले सिग्नल से उत्साहित है। वहीं, सीएम पद के लिए किसी 'तीसरे' की एंट्री का डर भी बना हुआ है।
शुक्रवार को विधायक वैद प्रकाश सोलंकी ने सोशल मीडिया पर कहा कि सभी साथियों से निवेदन है कि वे धैर्य व संयम बनाए रखें। सच्चाई की जीत होगी और हमारे नेता सचिन पायलट को उनकी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। हमें आलाकमान पर पूरा भरोसा है, इसलिए कोई भी साथी सोशल मीडिया पर अनावश्यक पोस्ट व कमेंट नहीं करे।
वहीं, पायलट शुक्रवार को दिल्ली से जयपुर लौटते ही सीधे विधानसभा पहुंचे और उन्होंने कई कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की। पायलट ने अपने समर्थक माने जाने वाले विधायकों के अलावा अन्य विधायकों से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी से भी मुालकात की। पायलट के इस तरह सक्रिय होकर सभी से बात करना शुरू कर देने से उन्हें नई जिम्मेदारी मिलने का संकेत माना जाने लगा है।
राजनीतिक सरगर्मियों में गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने पर पायलट के साथ डॉ. सीपी जोशी का नाम भी मुख्यमंत्री के दावेदारों के रुप में चर्चा में है। हालांकि, पायलट का अभी इन सरगर्मियों के बीच अपनी दावेदारी या मुख्यमंत्री को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया हैं। उन्होंने इससे पहले भी जब गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष की चर्चा चली तब से कुछ बोला है।
गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि 'एक व्यक्ति, एक पद' की बहस अनावश्यक है और वह अपने गृह राज्य के लोगों की आजीवन सेवा करना चाहते हैं। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिरडी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान के लोगों की सेवा करने के उनके बयान की अलग-अलग तरह से व्याख्या की जा रही है। पार्टी के 'एक व्यक्ति, एक पद' के सिद्धांत पर गहलोत ने कहा कि मीडिया में ऐसी चर्चा है कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना नहीं चाहते हैं।