राजस्थान सरकार की बारी: गहलोत-पायलट के बीच सुलह का फॉर्मूला तैयार, पढ़े ताजा अपडेट
राजस्थान में सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत गुट के बीच सियासी खींचतान जारी है. मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान पायलट और गहलोत के बीच विवाद को जल्दी ख़त्म करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का पुनर्गठन करेगा. ये कमेटी जल्द ही अपना काम शुरू करेगी और पायलट की शिकायतों पर सुनवाई शुरू होगी. बताया जा रहा है कि पायलट खेमे को शांत करने के लिए सीएम अशोक गहलोत राजस्थान में 25 हज़ार से ज़्यादा राजनीतिक नियुक्तियां करने का कार्यक्रम जून महीने में शुरू करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों से कांग्रेस आलाकमान भी बातचीत करेगा. पायलट को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हल निकालने का भरोसा दिया है और चुप रहने के लिए कहा है, इसी वजह से वह फिलहाल ख़ामोश हैं.
क्या है गहलोत-पायलट के बीच सुलह का फॉर्मूला?
1- सचिन पायलट कांग्रेस छोड़कर BJP में नहीं शामिल होना चाहते, मगर कांग्रेस में सम्मानजनक जगह चाहते हैं. उन्होंने यह साफ़ कर दिया है कि वो दोबारा से अब राजस्थान में उपमुख्यमंत्री का पद नहीं हासिल करना चाहते हैं और सीएम अशोक गहलोत के नीचे काम भी नहीं करना चाहते हैं. ऐसे में उनके खेमे के 5-6 मंत्री बना दिए जाते हैं तो वह दिल्ली में कांग्रेस की राजनीति में जा सकते हैं. इस शर्त के साथ कि वह राजस्थान की राजनीति नहीं छोड़ेंगे. सचिन पायलट को राजीव सातव की जगह गुजरात का प्रभारी भी बनाया जा सकता है.
2- सचिन पायलट 2022 में सीएम का पद देने की मांग रख सकते हैं. कांग्रेस आलाकमान अगर इसके लिए तैयार होता है तो वह अशोक गहलोत को फ़्री हैंड देकर सीएम के रूप में काम करने के लिए छोड़ सकते हैं.
3- सचिन पायलट अशोक गहलोत को सीएम के रूप में स्वीकारें और बदले में गहलोत उनके गुट के लोगों को राज्य में राजनीतिक नियुक्तियां दें और मंत्रिमंडल में भरपूर जगह दें.
4- पायलट के राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों में फैले जनाधार को देखते हुए बीजेपी और खास करके राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उनको BJP में लाने का इच्छुक है. मगर पायलट कांग्रेस छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. पायलट अगर कांग्रेस छोड़ देते हैं तो गहलोत का पीछा छूट जाएगा और झगड़ा भी ख़त्म हो जाएगा, मगर पायलट गहलोत को मनचाही मुराद नहीं देना चाहेंगे.
5- अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान को लगातार यह समझा रहे हैं कि सचिन पायलट पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं. वह अपना अलग गुट लेकर चल रहे हैं. गहलोत और आलाकमान को पायलट को भरोसा देना होगा कि सीएम गहलोत चौथी बार मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे और अगले मुख्यमंत्री उम्मीदवार पायलट होंगे.