पिल्लई ने कहा, "जिन कोंकणी लेखकों ने कोई किताब प्रकाशित नहीं की है, लेकिन किताबों को प्रकाशित करने की प्रतिभा और इच्छा रखते हैं, उनके लिए राजभवन छपाई का सारा खर्च उठाएगा।" पिल्लई के फैसले का स्वागत करते हुए अलेमाओ ने कहा, "यह राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई द्वारा एक स्वागत योग्य कदम है। यह पहल निश्चित रूप से युवा लेखकों की मदद करेगी और कोंकणी साहित्य को भी बढ़ावा देगी।"
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता कवि संजीव वेरेंकर ने कहा कि पिल्लई द्वारा गोवा के राज्यपाल के रूप में स्थापित किया गया यह सबसे अच्छा उदाहरण है। वेरेंकर ने कहा, "वह पहले राज्यपाल हो सकते हैं, जिन्होंने साहित्य क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली ऐसी योजना शुरू की है, वह भी उन लोगों के लिए जो अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित करना चाहते हैं। मैं कोंकणी भाषा और लेखकों का सम्मान करने वाले उनके फैसले का स्वागत करता हूं।"