लखनऊ (आईएएनएस)| बेघरों को अब सर्दी से बचाने के लिए सिर पर छत होगी क्योंकि राज्य की राजधानी में खाली पड़ी इमारतों को रैन बसेरा के रुप में उपयोग किया जाएगा। यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट ने दिया है। जिला मजिस्ट्रेट सूर्यपाल गंगवार ने कहा है कि, "राज्य की राजधानी में खाली पड़े सरकारी भवनों और मैरिज लॉन को अस्थायी रैन बसेरों के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि मौजूदा रैन बसेरों में सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।"
"साथ ही आश्रयों में गर्म पानी, कंबल और मेडिकल किट जैसी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा एंबुलेंस और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।"
उन्होंने कहा, "शहर में 17 स्थायी और सात अस्थायी रैन बसेरे हैं, जो स्वैच्छिक संगठनों और लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं। अगर तापमान में और गिरावट आती है तो आने वाले दिनों में और आश्रय खोले जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि, "अधिकारियों को जरूरतमंदों को कंबल वितरित करने और आश्रय गृहों में गर्म पानी, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।"
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, "इस कदम से दिहाड़ी मजदूरों, निराश्रित और बेघर लोगों को शीत लहर सहन करने के लिए आश्रय मिलेगा।"
लखनऊ नगर निगम आयुक्त इंदिराजीत सिंह ने कहा, "हमने रैन बसेरों की जानकारी, सुविधाओं की शिकायत और आश्रयों में चिकित्सा सहायता के अनुरोध के लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।"
इसके अलावा, उन्होंने कहा, एलएमसी ने 860 बिंदुओं की पहचान की है जिन्हें अलाव के लिए चिह्न्ति किया गया है।
मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी खुले में न सोए। आदर्श व्यापार मंडल ने 10 रैन बसेरों में सामुदायिक रसोई शुरू करने का आश्वासन दिया है।"