बना रेलवे का सबसे लंबा ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सेक्शन, जानें खासियत

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Update: 2023-01-05 12:27 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय रेलवे ने गाजियाबाद में देश का सबसे लंबा ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सेक्शन तैयार कर लिया है। इस तकनीक से ट्रैक की क्षमता और ट्रेनों की सुरक्षा में इजाफा होगा। भारतीय रेलवे ने देश का सबसे लंबा आटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सेक्शन गाजियाबाद के पं. दीन दयाल उपाध्याय खंड में तैयार कर लिया है। भारतीय रेल के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गो पर और अधिक रेलगाडियां चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस) एक किफायती उपाय है।
हाल ही में, प्रयागराज मंडल के साथ सतनरैनी-रुं धी-फैजुल्लापुर स्टेशन खंड में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली की शुरुआत के साथ, 762 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-पं. दीन दयाल उपाध्याय खंड पूरी तरह से स्वचालित हो गया है और अब यह भारतीय रेल का सबसे लंबा स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग खंड भी बन गया है।
इस सेक्शन में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग लगने से सुरक्षा और संरक्षा दोनों तरह के फायदे होंगे। रेलवे के अनुसार, धीरे-धीरे देशभर के सभी रूट पर आटोमैटिक सिग्नलिंग लगाए जा रहे हैं। ट्रेन संचालन में डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपनाया जा रहा है।
भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गो पर और अधिक ट्रेनें चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस) एक लागत प्रभावी समाधान है। भारतीय रेलवे एक मिशन मोड पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग शुरू कर रहा है। एबीएस को 2022-23 के दौरान 268 आरकेएम पर चालू किया गया है। दिसंबर 22 तक भारतीय रेल के 3706 रूट किमी पर एबीएस प्रदान किया गया है।
वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान 347 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम प्रदान किए गए हैं। अब तक 2888 स्टेशनों को दिसंबर तक 45.5 प्रतिशत को कवर करते हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रदान किया गया है।
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