रेल एक्सीडेंट फर्जी मुआवजा पाने के लिए विधवा हुई
फर्जीवाड़ा करने वालों की लाइन शुरू
कटक। लो अब रेल हादसे के बाद फर्जी मुआवजा पाने वालों की लाइन शुरू हो गई है। ओडिशा के बालासोर जिले में दो जून को हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है. अभी तक 83 शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है. इस बीच एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक महिला ने अपने मुआवजा पाने के लिए ट्रेन हादसे में मरा बता दिया. एक शव की शिनाख्त अपने पति के तौर पर कर दी. लेकिन दस्तावेजों की जांच में महिला का झूठ पकड़ा गया. जब यह बात पति को पता चली तो उसने केस दर्ज कराया है. गिरफ्तारी के डर से महिला फरार है. कटक जिले के मणिबांडा की गीतांजलि दत्ता ने दावा किया था कि उनके पति बिजय दत्ता की 2 जून को हुए ट्रेन हादसे में मौत हो गई है. उसने एक शव की पहचान अपने पति के रूप में की. पुलिस ने उससे दस्तावेज मांगे तो उसका झूठ पकड़ा गया. पुलिस ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया. उधर, पत्नी की करतूत जब पति को मालूम हुई तो उसने मणिबांधा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
बिजय ने गीतांजलि के खिलाफ झूठा दावा कर मुआवजा पाने की कोशिश करने और उसकी मौत का नाटक करने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की. मणिबंडा थाने के प्रभारी बसंत कुमार सत्पथी ने कहा कि बिजय को बालासोर जिले के बहानागा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई. क्योंकि घटना वहीं हुई थी. पुलिस ने बताया कि दंपति पिछले 13 साल से अलग रह रहे हैं. मुख्य सचिव पीके जेना ने रेलवे और ओडिशा पुलिस से शवों पर फर्जी दावा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. बता दें कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मारे गए लोगों के परिवार के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. उधर, रेल मंत्रालय ने हादसे में मरने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून की शाम 7 बजे बालासोर जिले में बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास एक मालगाड़ी से टकराकर डिरेल हो गई थी. तभी बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस आ गई और कोरोमंडल के डिब्बों से टक्कर हो गई. इस हादसे में 288 लोग मारे गए और 1,200 से अधिक घायल हो गए.