निलंबित इंस्पेक्टर के ठिकानों पर छापा, EOW के अफसरों ने दी दबिश
बड़ी कार्रवाई
बिहार की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) की टीम ने भोजपुर जिले से सस्पेंड किए गए मोटर व्हिकल इंस्पेक्टर (MVI) विनोद कुमार के तीन ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। मामला बालू के अवैध खनन और इसके जरिए की गई काली कमाई का है। इनका पहला ठिकाना पटना के रुपसपुर थाना के धनौत इलाके में स्थित शांति इन्क्लेव अपार्टमेंट है। इसके फ्लैट नंबर 204 में विनोद अपने परिवार के साथ रहते हैं। इनका दूसरा ठिकाना व पुश्तैनी घर बक्सर जिले के नवानगर में है। पोस्टिंग के दौरान इन्होंने अपना तीसरा ठिकाना आरा के आनंद नगर के तहत मोतीझील इलाके में बनाया।
एडीजी नैयर हसनैन खान के निर्देश पर तीन अलग-अलग टीमों ने तीनों ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। तीनों ठिकानों को खंगाला जा रहा है। इनके द्वारा अर्जित चल-अचल संपत्ति के डिटेल्स निकाले जा रहे हैं। कब, कहां जमीन खरीदी? किन-किन जगहों पर रुपयों का इंवेस्टमेंट किया? इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
विनोद पर भोजपुर के एमवीआई पद पर बने रहने के दौरान बालू माफिया की मदद करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि अवैध रूप से हर दिन हर ट्रक पर बालू की ओवरलोडिंग होती थी। पूरा मामला इनके संज्ञान में था। इसके बाद भी ओवरलोडिंग को लेकर इन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार को आर्थिक तौर पर राजस्व का नुकसान होता रहा और वह माफिया के जरिए काली कमाई करते रहे। काफी सारे कंप्लेन मिलने के बाद राज्य सरकार ने इनके खिलाफ भी जांच करवाई थी। इसकी रिपोर्ट में इनके ऊपर लगे आरोप सही पाए गए। इसी आधार पर 7 सितंबर को ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके साथ ही कोर्ट से इनके तीनों ठिकानों पर छापेमारी करने के लिए सर्च वारंट हासिल किया। अब छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। वहीं, बालू के अवैध खेल से की गई काली कमाई के मामले में भी ईओडब्ल्यू ने एमवीआई से पहले डेहरी ऑन सोन के सस्पेंडेड एसडीएम और दो डिप्टी एसपी के ऊपर अपना शिकंजा कस चुकी है। इनके खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर इनके ठिकानों को खंगाल चुकी है।