राहुल गांधी का केंद्र पर साधा निशाना, बोले-'मनरेगा श्रमिकों को नहीं मिल रहा मजदूरी का पैसा और मारा जा रहा हक, ये कैसे अच्छे दिन?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार मनरेगा श्रमिकों का मुद्दा उठाते हुए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार मनरेगा श्रमिकों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने सरकार पर मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का पैसा नहीं देने का आरोप लगाया है और कहा है कि कोरोना महामारी के इस समय में जब सरकार को श्रमिकों को अतिरिक्त आर्थिक मदद देनी चाहिए तब सरकार उनके हक का पैसा मार रही है.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "कई राज्यों में मनरेगा श्रमिकों (MNREGA) को मजदूरी का पैसा नहीं मिल रहा है. महामारी में जब सरकार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता देनी चाहिए थी, तब मजदूरों के हक का पैसा मारा जा रहा है. उन्होंने आगे लिखा, "झूठे जुमलों के परे एक दुनिया है जहां कई घरों में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा है. ये कैसे अच्छे दिन हैं?"
क्या है मनरेगा योजना?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा को कांग्रेस सरकार ने साल 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (NREGA-नरेगा) के रूप में पेश किया था. मनरेगा एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है, जिसके तहत हर एक परिवार के इच्छुक वयस्क सदस्यों के लिए 100 दिन का रोजगार, दैनिक बेरोजगारी भत्ता और परिवहन भत्ते का प्रावधान किया गया है.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों और जनजातीय इलाकों में मनरेगा के तहत 150 दिनों के रोजगार का प्रावधान है. हालांकि, समय-समय पर इस योजना में भ्रष्टाचार, मजदूरी भुगतान में देरी और खराब मजदूरी दर जैसी कई समस्याएं सामने आई हैं.
केंद्र सरकार पर कई बार साध चुके निशाना
राहुल गांधी मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार पर कई बार निशाना भी साध चुके हैं और मनरेगा के सही इस्तेमाल की मांग करते रहे हैं. इस साल के फरवरी महीने में उन्होंने कहा था कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी ने मनरेगा का 'मजाक' उड़ाया था, लेकिन उन्हें भी ये स्वीकार करना पड़ा कि कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई ग्रामीण रोजगार योजना ने कोरोना महामारी के दौरान देश के लोगों की 'रक्षा' करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा था कि महामारी के दौरान मनरेगा में रोजगार की मांग बढ़ गई है.