नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने 'भारत से लगी सीमा के निकट चीन द्वारा बुनियादी ढांचे का विकास किए जाने पर' अमेरिका के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के बयान की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को आरोप लगाया कि बीजिंग (China in Ladakh) के इस कदम को नजरअंदाज कर केंद्र सरकार भारत के साथ विश्वासघात कर रही है. उन्होंने ट्वीट किया, 'चीन भविष्य में शत्रुतापूर्ण कार्रवाई के लिए बुनियाद तैयार कर रहा है. इसको नजरअंदाज करके सरकार भारत के साथ विश्वासघात कर रही है.'
गौरतलब है कि अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने गत बुधवार को कहा था कि भारत से लगती सीमा के निकट चीन द्वारा कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे स्थापित किया जाना चिंता की बात है. इससे जुड़े सवाल पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत चीन से उम्मीद करता है कि अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता में वह पूर्वी लद्दाख से जुड़े मुद्दों का साझा रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए काम करेगा, क्योंकि दोनों पक्षों का मानना है कि मौजूदा स्थिति का लम्बा खिंचना किसी के हित में नहीं है.
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार पश्चिमी क्षेत्र में चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण समेत सभी घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर रखती है और क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता की रक्षा के लिए सभी उपाय करने को प्रतिबद्ध है. इससे पहले चीन ने भारत से लगी सीमा पर रक्षा बुनियादी ढांचा स्थापित करने को लेकर अमेरिका के शीर्ष जनरल की आलोचनात्मक टिप्पणियों को गुरुवार को 'निंदनीय' करार दिया था. साथ ही उसने 'आग में घी डालने' डालने की कुछ अमेरिकी अधिकारियों की कोशिशों की आलोचना की और कहा कि चीन और भारत के पास वार्ता के जरिए उचित तरीके से अपने मुद्दों को सुलझाने की 'इच्छाशक्ति और क्षमता' है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन की टिप्पणियों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही, जिन्होंने पूर्वी लद्दाख में स्थिति को 'चिंताजनक' करार दिया था. झाओ ने कहा, 'यह सीमा विवाद चीन और भारत के बीच है (और) दोनों पक्षों के पास वार्ता के जरिए उचित तरीके से मुद्दे के समाधान के लिए इच्छाशक्ति और क्षमता है.' झाओ ने कहा कि 'कुछ अमेरिकी अधिकारी आग में घी डाल रहे हैं और उंगलियां उठा रहे हैं. यह निंदनीय है. हम उम्मीद करते हैं कि वे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान के लिए ज्यादा काम करेंगे.'
उन्होंने दोहराया कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति 'स्थिर' हो रही है, जहां दोनों पक्षों के बीच दो साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध देखा गया है. झाओ ने कहा, 'कुल मिलाकर वहां स्थिति स्थिर हो रही है और दोनों देशों के बलों ने पश्चिमी खंड के अधिकांश क्षेत्रों में पीछे हटने की जरूरत महसूस की है.' दरअसल भारत यात्रा पर आए फ्लिन ने बुधवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का अस्थिर और कटू व्यवहार मददगार नहीं है और भारत से लगती अपनी सीमा के निकट चीन द्वारा स्थापित किए जा रहे कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा था, मुझे लगता है कि (चीनी सेना की) पश्चिमी थिएटर कमान में जो कुछ बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है, वह चिंताजनक है.