आज रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती

भारत के अलावा इन देशों का लिखा राष्ट्रगान

Update: 2023-05-07 13:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | देश को गौरवपूर्ण राष्ट्रगान देने वाले देश के महान कवि, दार्शनिक व चित्रकार रविंद्रनाथ टैगोर जी की आज 162वीं जयंती है। टैगोर जी का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुर बारी में हुआ था। टैगोर जी को गुरूदेव के नाम से भी जाना जाता है। रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर था, जबकि माता शारदा देवी थीं। वे 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। आपको बता दें कि रविंद्रनाथ टैगोर ने जन-गण-मन को आधार बनाकर देश को राष्ट्रगान दिया था।

राष्ट्रगान के रचियता

टैगोर बचपन से ही कहानियां और कविताएं लिखते थे। वे महज 8 साल के थे, जब उन्‍होंने अपनी पहली कविता लिखी थी।

उनकी पहली कविता संग्रह 16 साल की उम्र में प्रकाशित हुआ। 24 जनवरी 1950 को अपनाया था। इसे सबसे पहले 27 दिसंबर, 1911 को कोलकाता में कांग्रेस के कार्यक्रम में गाया गया था। इसे नोबेल पुरस्कार विजेता और भारतीय साहित्यकार रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सबसे पहले बंगाली में लिखा था। भारत के राष्ट्रगान में देश की एकता और अखंडता दिखाई देती है। राष्ट्रगान पंजाब, सिंधु (वर्तमान में पाकिस्तान का एक राज्य), गुजरात, मराठा (महाराष्ट्र), द्राविड़ (दक्षिण भारत), उत्कल (वर्तमान में कलिंग) एवं बंग (बंगाल), राज्यों के नाम शामिल हैं।

रविंद्रनाथ टैगोर ने न केवल भारत का राष्ट्रगान लिखा बल्कि बाँग्लादेश के राष्ट्रगान का भी निर्माण किया। श्रीलंका का राष्ट्रगान भी टैगोर की कविताओं से प्रेरित है। वे एकमात्र कवि हैं जिनकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं – भारत का राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’ और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान ‘आमार सोनार बांङ्ला’ गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।

नोबेल पुरस्कार दिया गया

साहित्य के क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योगदान को देखते हुए रविंद्रनाथ टैगोर को दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें उनकी पुस्तक गीतांजली के लिए सन 1913 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। बता दें कि रविंद्रनाथ टैगोर साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारत के पहले साहित्कार हैं।

रविंद्रनाथ टैगोर को सन 1954 में भारत रत्न दिया गया था।

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