रवींद्रनाथ टैगोर ने किया था लंदन के इस घर में 'गीतांजलि' का अनुवाद, अब उस घर की होगी ब्रिक्री
रवींद्रनाथ टैगोर खबर
भारत के नोबेल अवार्ड विजेता महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने उत्तरी लंदन के जिस विला में बैठकर 'गीतांजलि' (Gitanjali) का अंग्रेजी अनुवाद किया था, वो विला अब बिकने जा रहा है. लेकिन, भारत सरकार (Government Of India) ने उस विला को संरक्षित करने की कोशिश नहीं की और ना ही लंदन स्थिति भारतीय दूतावास को इसकी कोई जानकारी ही है. ये बेहद आश्चर्य की बात इसलिए भी है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को इस बावत लिखा भी था, फिर भी 'गुरुदेव' से संबंधित मकान को संरक्षित रखने की कोशिश नहीं की गई.
हेम्पस्टेड में हीथ विला उत्तरी लंदन में है, जहां नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर 1912 में जब लंदन गये थे, तो उन्होंने इसी विला में काफी दिन गुजारे थे और इस विला को बेचा जा रहा है. सबसे खास बात ये है कि ये महलनुमा विला, उन जगहों में से नहीं है, जहां सिर्फ गुरुदेव ठहरे थे, बल्कि उन प्रतिष्ठित जगहों में से एक है, जहां रवींद्र टैगोर ने अपने प्रसिद्ध कविता संग्रह 'गीतांजलि' का अंग्रेजी में अनुवाद किया था.
ममता बनर्जी ने लिखा था पत्र, संग्रहालय बनाने का किया था आग्रह
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2015 में और फिर 2017 में ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग से कहा था कि वह बंगाल सरकार की ओर से इस मकान को संग्रहालय-सह-स्मारक में बदलने के लिए इसका अधिग्रहण करे., ताकि संपत्ति को एक संग्रहालय और एक स्मारक में परिवर्तित किया जा सके. समचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विला को बेचने का काम देखने वाली गोल्डस्चिमिड एंड हॉवलैंड के निदेशक फिलिप ग्रीन ने कहा कि, "हमारा काम प्रॉपर्टी को बेचने का है और हम इसी व्यवसाय में हैं, और अगर हमारे ग्राहक को सही कीमत मिल जाती है, तो वो सौदा हो जाता है. हम सभी प्रस्तावों का स्वागत करते हैं, जो ब्रिटिश सरकार के कानूनों के मुताबिक हो."
टैरेस हाउस का मूल्य करीब 27 करोड़ 22 लाख रुपये है
तीन बिस्तरों वाले टैरेस हाउस का मूल्य करीब 27 करोड़ 22 लाख रुपये है. इसे एक स्टाइलिश ग्रेड-2 लिस्ट में विक्टोरियन विला के रूप में वर्णित किया गया है. इस विला का निर्माण करीब 1863 में किया गया था. ये विला लंदन के लोगों के बीच उस वक्त काफी सम्मानित विला था और अभी भी इसका काफी महत्व और सम्मान है. लंदन में विशेष इमारतों से जुड़े उल्लेखनीय लोगों और संगठनों को सम्मानित करने के लिए इंग्लिश हेरिटेज चैरिटी द्वारा संचालित एक योजना के तहत इस बात का जिक्र किया गया है कि, भारत के महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर इस विला में कई दिनों तक ठहरे थे.
मकान की बिक्री का ब्योरा ऑनलाइन कराया गया है उपलब्ध
विला को बेचने का काम देख रहे फिलिप ग्रीन ने कहा कि यह विला लंदन के एक शानदार हिस्से में स्थिति एक अद्भुत घर है और हमें बिक्री को संभालने का सौभाग्य मिला है. इसका ऐतिहासिक महत्व ब्लू प्लाक से पहचाना जाता है, लेकिन इसके अलावा, इसके अद्वितीय स्थान, इसकी विशेषताओं और हीथ के सुंदर दृश्यों के कारण लोग इसे खरीदने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. लंदन में भारतीय उच्चायोग ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि वह पश्चिम बंगाल सरकार की इस संपत्ति को लेकर जताई गई रूचि से अनजान है, जबकि, दावा किया गया है कि 2015 और 2017 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लंदन में भारतीय उच्चायोग से इसके बारे में जानकारी मांगी गई थी.इस मकान की बिक्री के लिए ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है.