नई दिल्ली: एनसीईआरटी का एक टीचर ट्रेनिंग मैनुअल विवादों में घिर गया है. इसको लेकर टीचर ट्रेनिंग मैनुअल की मसौदा समिति के सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार पैनल में एक शिकायत दर्ज की गई थी. इस मैनुअल में 'स्कूल शिक्षा में ट्रांसजेंडर बच्चों को शामिल करना: चिंताएं और रोड मैप' नाम के टॉपिक को लेकर विवाद था, इस बीच, एनसीईआरटी ने अब मैनुअल को अपनी वेबसाइट से हटा दिया है. हालांकि, इसके बारे में अभी तक कोई कारण नहीं बताया गया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा मामले में स्पष्टीकरण के लिए एनसीईआरटी को नोटिस भेजे जाने के बाद ये मैनुअल जांच के दायरे में आ गया था. मैनुअल के खिलाफ आरोपों के बीच, शिकायतकर्ता ने लैंगिक संवेदीकरण के नाम पर स्कूली छात्रों को प्रताड़ित करने की साजिश का आरोप लगाया था.
दिलचस्प बात यह है कि शिकायत में यह भी कहा गया था कि मसौदा समिति के सदस्यों की पृष्ठभूमि और योग्यता का सत्यापन नहीं किया गया था. शिकायत आगे चलकर नागरिकता संशोधन अधिनियम पर मैनुअल ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों में से एक के स्टैंड को रिकॉर्ड पर ले गई.
एनसीपीसीआर में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया था कि, "... मैनुअल का पाठ बच्चों के लिए जेंडर न्यूट्रल बुनियादी ढांचे का सुझाव देता है जो उनकी जेंडर रियलिटी और बुनियादी जरूरतों के अनुरूप नहीं है. साथ ही, बायनेरिज़ को हटाने का विचार उन्हें समान अधिकारों से वंचित करेगा. इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया था कि एनसीईआरटी द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण से बच्चों को घर और स्कूल में विरोधाभासी वातावरण के कारण अनावश्यक सायकोलॉजिकल ट्रॉमा का सामना करना पड़ेगा. एनसीपीसीआर ने इस मामले में एनसीईआरटी से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है.