भारत में कोरोना वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने को क्वाड देश जल्द होंगे एकजुट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों के संगठन क्वाड के पहले सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों के संगठन क्वाड के पहले सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह बैठक वर्चुअल शुक्रवार (12 मार्च) को होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी शामिल होंगे। अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने इस बात की ओर इशारा किया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीकों के निर्माण को भारत में बढ़ावा देने के लिए समझौते की घोषणा हो सकती है।
ये समझौता अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने की उम्मीद है, जिसमें खासतौर पर भारतीय कंपनियों पर जोर दिया जा सकता है, जो अमेरिकी ड्रगमेकर्स नोवावेक्स इंक और जॉनसन एंड जॉनसन के लिए वैक्सीन बना रही हैं। इस समझौते का उद्देश्य वक्सीन के निर्माण के बैकलॉग को खत्म कर इसे बढ़ावा देना है, जिससे कोरोना के म्यूटेशन को मात दी जा सके।
ज्यादा टीकाकरण से म्यूटेशन हारेगा: अधिकारी के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण से कोरोना के म्यूटेशन को हराया जा सकता है। अधिकारी ने ये भी कहा कि भारत में बनने वाले वैक्सीन को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कई मुद्दों पर होगा विमर्श: विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शिखर सम्मेलन समकालीन चुनौतियों जैसे लचीली आपूर्ति श्रृंखला, उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन पर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करेगा। चारों देशों के प्रमुख कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, समान वितरण और किफायती टीका सुनिश्चित करने में सहयोग के अवसरों का पता लगाएंगे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौती पर लगाम लगाने के उद्देश्य से चार देशों के प्रमुखों की इस तरह की यह पहली बैठक होगी।
मोदी की बाइडन के साथ होगी पहली बैठक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ किसी संगठन के दौरान होने वाली पहली बैठक होगी। मोदी की जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन के साथ वर्चुअल बैठक हो चुकी है। मोदी की बाइडन से अभी तक एक बार टेलीफोन पर बातचीत हुई है।
अमेरिका ने बताया महत्वपूर्ण: व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रपति जो बाइडन के उन बहुपक्षीय कार्यक्रमों में से एक है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगियों और साझेदारों के साथ निकट सहयोग को अहमियत देने से जुड़ा हुआ है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। साकी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इसमें कोविड-19 की चुनौतियों, आर्थिक सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे अनेक मुद्दों पर चर्चा होगी जिनका सामना पूरी दुनिया कर रही है।
क्वाड को सुरक्षा ढांचा बनाने का पक्षधर है अमेरिका: चीन द्वारा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गई है। चीन पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका क्वाड को एक सुरक्षा ढांचा बनाने का पक्षधर रहा है। क्वाड सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने 6 अक्टूबर, 2020 को टोक्यो में मुलाकात की थी और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के लिए अपनी सामूहिक दृष्टि दोहराई थी।
क्या है क्वाड: क्वाड का अर्थ 'क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग' है, इसके अंतर्गत चार देश भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका आते हैं। इस क्वाड का मकसद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और शक्ति की बहाली करना और संतुलन बनाए रखना है। गौरतलब है कि साल 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे द्वारा क्वाड का प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव को समर्थन भारत, अमेरिका और आस्ट्रेलिया ने किया था। जिसके बाद साल 2019 में इन सभी देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हुई थी।