PWD करेगा कैल्शियम क्लोराइड का छिडक़ाव, पायलट आधार पर प्रोजेक्ट लांच
शिमला। पीडब्ल्यूडी सडक़ से बर्फ साफ करने को कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल करेगा। बर्फबारी से पहले कैल्शियम का छिडक़ाव होगा, ताकि सडक़ पर गिरने वाली बर्फ जम न सके। इसके अलावा कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल तापमान कम होने की वजह से पानी जमने वाली सडक़ों पर भी होगा। यह पहली मर्तबा है, जब पीडब्ल्यूडी अपने …
शिमला। पीडब्ल्यूडी सडक़ से बर्फ साफ करने को कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल करेगा। बर्फबारी से पहले कैल्शियम का छिडक़ाव होगा, ताकि सडक़ पर गिरने वाली बर्फ जम न सके। इसके अलावा कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल तापमान कम होने की वजह से पानी जमने वाली सडक़ों पर भी होगा। यह पहली मर्तबा है, जब पीडब्ल्यूडी अपने प्लांट में कैल्श्यिम क्लोराइड का निर्माण कर रहा है। हिमाचल का पहला प्लांट शिमला में स्थापित किया गया है। इससे पूर्व नेशनल हाई-वे में ही कैल्श्यिम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता रहा है, जबकि पीडब्ल्यूडी अपनी सडक़ों पर जेसीबी और रेत की मदद से बर्फ हटाने का प्रयास करता रहा है। हालांकि ज्यादा मात्रा में रेत फेंके जाने से सडक़ में कीचड़ की स्थिति बनती है। अब कैल्श्यिम क्लोराइड के छिडक़ाव से ऐसे हालात नहीं बनेंगे। कैल्शियम क्लोराइड से बर्फ को कुछ ही मिनटों में साफ किया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी ने शिमला में कैल्श्यिम क्लोराइड को प्लांट स्थापित किया है।
करीब पांच लाख रुपए से बने इस प्लांट में तैयार होने वाली कैल्श्यिम क्लोराइड को शुरुआती चरण में प्रदेश मुख्यालय में होगा। इसके बाद चंबा, कुल्लू, किन्नौर समेत अन्य बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में भी ऐसे दूसरे प्लांट स्थापित किए जाएंगे। विभाग ने बर्फबारी की तैयारी के मद्देनजर अब तक 17 जेसीबी मशीनें निचले क्षेत्रों से उठाई हैं। इन मशीनों को शिमला, रामपुर, किन्नौर, कुल्लू, चंबा समेत उन क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि मैदानी इलाकों से जेसीबी को अब बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा। अब तक 17 जेसीबी को भेजा जा चुका है। भविष्य में जरूरत पड़ती है तो इनकी संख्या और अधिक बढ़ाई जाएगी। बर्फबारी से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता कैप्टन एसपी जगोता ने बताया कि पहली बार विभाग कैल्शियम क्लोराइड का छिडक़ाव करने जा रहा है। विभाग ने पायलट आधार पर शिमला में प्रोजेक्ट को स्थापित किया है। इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद दूसरे जिलों में भी ऐसे प्लांट लगाए जाएंगे।