पंजाब मुख्य सचिव का भारी बारिश को देखते हुए आदेश, निचले इलाकों से लोगों को हटाएं
चंडीगढ़: भारी बारिश कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मंगलवार को पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने संबंधित जिला प्रशासन को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए।
पूरे राज्य और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर रखने और राहत अभियान चलाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने कहा, असुरक्षित इमारतों की तुरंत पहचान करके लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए खाने-पीने और रहने की वैकल्पिक व्यवस्था युद्धस्तर पर की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव ए वेणु प्रसाद, डीजीपी गौरव यादव और सेना और एनडीआरएफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। वर्मा ने कहा, लोगों के जीवन की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लोगों को उनके लिए की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वे सुविधा का लाभ उठा सकें।
उन्होंने उपायुक्तों से आवश्यक सहायता के बारे में भी जानकारी ली और कहा कि आवश्यकता के अनुसार जिलों को एनडीआरएफ उपलब्ध करायी जायेगी। संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों और सभी जिलों के उपायुक्तों व एसएसपी से मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट ली गयी।
बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रभावित स्थानों पर किए जा रहे राहत कार्यों की भी समीक्षा की गई। वर्तमान में एनडीआरएफ की पांच टीमें रोपड़ जिले में तैनात की गई है। साथ ही तीन मोहाली में, दो पटियाला में, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब और शहीद भगत सिंह नगर में एक-एक टीम तैनात हैं।
मुख्य सचिव ने जल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को नाव, लाइफ जैकेट, पानी निकालने वाली मशीनें और भोजन पैकेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अग्रिम व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इससे पहले जल संसाधन विभाग की ओर से दिए गए प्रेजेंटेशन में कहा गया था कि भाखड़ा बांध में जल स्तर 1,624.14 फीट है जबकि क्षमता 1,680 फीट है। पोंग बांध में जल स्तर 1,360.04 फीट है जबकि क्षमता 1,390 फीट है और रंजीत सागर बांध में जल स्तर 1,712.64 फीट है जबकि क्षमता 1,731.99 फीट है।
सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों में जल स्तर की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि सतलुज पर धूसी बांध में आई दो दरारों को भर दिया गया है। बैठक में मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले 48 घंटों तक पंजाब में छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश होगी जबकि 48 से 72 घंटों तक कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश होगी।
हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में अगले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। मुख्य सचिव ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में पानी बढ़ने से प्रभावित जिलों में नदियों और नहरों के उफान पर होने की संभावना को देखते हुए व्यवस्था की जानी चाहिए और निचले इलाकों से लोगों को निकालकर जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।