Punjab: अमृतसर के ब्यास में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ माइनिंग साइट पर जबरन रेड का मामला दर्ज, जाने पूरा मामला

पंजाब में अमृतसर के ब्यास में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

Update: 2021-07-02 04:52 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब में अमृतसर के ब्यास में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ FIR (FIR against Sukhbir Singh Badal) दर्ज की गई है. बादल के खिलाफ माइनिंग साइट पर जबरन रेड कराने के आरोप को लेकर मामला दर्ज कराया गया है. आरोप है कि दो दिन पहले ब्यास नदी की माइनिंग साइट पर मीडिया के साथ सुखबीर बादल अपने साथियों को लेकर जबरन घुस आए. सुखबीर सिंह बादल और दो अन्य अकाली नेताओं विरसा सिंह वल्टोहा और बोनी अजनाला के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. पुलिस स्टेशन ब्यास में धारा 269, 270 और 188 एपिडेमिक एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है.

माइनिंग कंपनी का आरोप है कि सुखबीर सिंह बादल जबरन माइनिंग साइट में साथियों के साथ घुसे और उन्होंने कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की. कंपनी का कहना है कि पंजाब सरकार से तमाम इजाजत और लाइसेंस लेने के बाद ही माइनिंग का काम साइट पर किया जा रहा है. सुखबीर बादल ने माइनिंग साइट को अवैध करार देते हुए इसे माइनिंग माफिया से जुड़ा हुआ बताया. सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली दल के नेताओं ने मामले में एक शिकायत भी दी, हालांकि अभी उस मामले पर एक्शन नही हुआ है.
राजनीतिक फायदा लेने का आरोप
सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब में ब्यास नदी के पास अवैध खनन किया जा रहा है. हालांकि राज्य के खनन विभाग ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. पार्टी ने एक बयान में कहा कि बादल ने राज्य के मंत्री और कांग्रेस के कुछ विधायकों के खिलाफ इस संबंध में ब्यास थाने में शिकायत भी दी है. हालांकि खनन विभाग के एक प्रवक्ता ने बादल पर "अवैध खनन के निराधार आरोप" लगाकर "राजनीतिक लाभ" लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
सुखबीर बादल का है ये दावा
इससे पहले शिअद नेता बादल ने दावा किया कि NGT के मुताबिक किसी पुल के पांच किलोमीटर के अंदर खनन से जुड़ी गतिविधि नहीं की जा सकती, लेकिन इस मामले में एक किलोमीटर की दूरी पर रेत खनन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, वहां गाद निकालने का दावा गलत है, क्योंकि बहते पानी में ऐसा नहीं किया जा सकता. पार्टी के बयान में कहा गया है,जिन ट्रक ड्राइवरों से अवैध रूप से 16,000 रुपये प्रति ट्रक वसूले जा रहे थे, उन्होंने रेत माफिया के खिलाफ अलग से शिकायत दी है. ग्रामीणों ने एक शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि उनकी अनुमति के बिना माफियाओं के जरिए पंचायत की जमीन पर खनन किया जा रहा है.


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