पंजाब: खड़गे कमेटी के सामने 22 जून को दोबारा पेश होंगे कैप्टन सरकार, सोनिया से मुलाकात भी संभव
पंजाब कांग्रेस और कैप्टन सरकार में फेरबदल करने और नेताओं के विवाद को खत्म करने के मकसद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई।
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस और कैप्टन सरकार में फेरबदल करने और नेताओं के विवाद को खत्म करने के मकसद से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने कैप्टन अमरिंदर सिंह 22 जून को दोबारा पेश होंगे. अहम बात यह भी है कि कैप्टन के करीबी सूत्रों के मुताबिक उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से भी हो सकती है.
पंजाब कांग्रेस के विवाद पर राहुल गांधी बहुत करीब से नजर बनाए हुए हैं. बीते एक हफ्ते में उन्होंने कमेटी के सदस्यों मल्लिकार्जुन खड़गे, जेपी अग्रवाल, हरीश रावत से दो बार मुलाकात की और अपने सुझाव दिए. हालांकि सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वह चाहती है कमेटी ऐसा फार्मूला बनाए जिसपर सभी पक्ष राजी हों ताकि 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित हो सके.
इससे पहले जून के पहले हफ्ते में कैप्टन ने तीन घन्टों तक इस कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा था. कैप्टन से पहले सभी मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा चुनाव में हारे हुए उम्मीदवारों, सांसदों से एक-एक कर मिलने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी थी. लेकिन स्थिति की जटिलता इसी बात से जाहिर होती है कि रिपोर्ट सौंपे जाने के करीब दो हफ्ते बाद भी कांग्रेस नेतृत्व किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा है.
यही वजह है कि रिपोर्ट सौंपने के बाद भी समिति के सदस्य कई दौर की बैठकों में माथापच्ची कर चुके हैं. जो अहम फैसले लिए जाने है उनमें सबसे अहम है पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का पद. कैप्टन सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की भी संभावना है. इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बनने वाली कमेटियों को भी अंतिम रूप दिया जाना है. समाज के सभी वर्गों और बड़े चेहरों को एडजस्ट करने की चुनौती है. हालांकि सबकी नजर इस बात पर है कि कैप्टन के खिलाफ बगावत करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को क्या मिलता है!
सूत्रों के मुताबिक पंजाब के नेताओं ने कमेटी के सामने कैप्टन के नेतृत्व से ज्यादा उनके कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत की थी. ज्यादातर नेताओं ने गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी के मामले में कार्रवाई की मांग की. हालांकि इस मुद्दे को लेकर सबसे मुखर नवजोत सिंह सिद्धू को कमान दिए जाने की पैरवी भी किसी ने नहीं की. लेकिन फिर भी ज्यादातर की यही राय थी कि सबको साथ लेकर चलने की जरूरत है. माना जा रहा है कि मंगलवार सुबह 11 बजे कैप्टन अमरिंदर सिंह से चर्चा करने के बाद कमेटी किसी अंतिम नतीजे पर पहुंचेगी. संभव है कि इसके बाद कैप्टन दस जनपथ जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. फिलहाल कैप्टन की कुर्सी को कोई खतरा तो नहीं है लेकिन महीने में दो-दो बार उनका दिल्ली आना बताता है कि उनकी स्थिति कमजोर हो चुकी है.