पुडुचेरी के एन रंगासामी ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद का ली शपथ, पीएम मोदी ने दी बधाई

एआईएनआरसी नेता एन रंगासामी ने पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

Update: 2021-05-07 11:59 GMT

एआईएनआरसी नेता एन रंगासामी ने शुक्रवार (7 मई) को पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इस दौरान राजभवन में संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने रंगासामी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। बता दें कि रंगासामी चौथी बार पुडुचेरी के मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने तमिल भाषा में पद की शपथ ली। वह एनडीए सरकार की अगुवाई करेंगे, जिसमें एआईएनआरसी और भारतीय जनता पार्टी शामिल हैं।

चौथी बार मुख्यमंत्री बने रंगासामी
गौरतलब है कि एआईएनआरसी के संस्थापक 71 वर्षीय एन रंगासामी ने चौथी बार पुडुचेरी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन वह पहली बार गठबंधन की सरकार चलाएंगे। दरअसल, सहयोगी भाजपा के प्रतिनिधियों के भी उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि रंगासामी ने अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में एआईएनआरसी और भाजपा के विधायकों को उनके मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
ऐसा है रंगासामी का रहन-सहन
गौरतलब है कि रंगासामी को साधारण रहन-सहन, मृदुभाषी और आसान पहुंच वाला नेता माना जाता है। उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए भी दुपहिया वाहन से पुडुचेरी की गलियों में घूमते और हालात का जायजा लेने के लिए जाना जाता है।

ऐसा रहा राजनीतिक सफरनामा
कांग्रेस के पूर्व नेता रंगासामी ने वर्ष 2011 में ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस की स्थापना की। उन्होंने यह कदम केंद्र शासित प्रदेश के तत्कालीन लोकसभा सदस्य वी नारायणसामी की कथित शिकायत पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उठाया। रंगासामी ने अपने चुनावी करियर की शुरुआत असफलता से की थी। वर्ष 1990 में उनके धुर राजनीतिक विरोधी व जनता दल नेता वी पेथपेरुमल ने थाट्टनचावडी विधानसभा सीट पर मात दी थी। हालांकि, अगले ही साल रंगासामी ने इसी सीट से जीत दर्ज की और मंत्रिमंडल में उन्हें बतौर कृषि मंत्री शामिल किया गया।
कांग्रेस को दो बार दिलाई सत्ता
उन्होंने वर्ष 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। वर्ष 2001 में कांग्रेस पुडुचेरी की सत्ता में दोबारा आई और उन्हें शासन की बागडोर दी गई। पांच साल बाद रंगासामी के नेतृत्व में पार्टी दोबारा सत्ता में आई और कमान उनके हाथों में ही रही। परिस्थितियां उस समय बदलीं, जब नारायणसामी ने रंगासामी की विभिन्न मुद्दों पर आलोचना तेज हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने अगस्त 2008 में उन्हें हटाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वी वैद्यलिंगम को बैठा दिया।
फिर बना ली अपनी पार्टी
रंगासामी ने वर्ष 2011 में कांग्रेस से अलग होकर ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस का गठन किया और जे जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक से गठबंधन करके विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। एआईएनआरसी को 15 सीटों पर जीत मिली और एक निर्दलीय के समर्थन से रंगासामी ने पुडुचेरी विधानसभा में सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को हासिल कर लिया।
एआईएडीएमके से तोड़ा गठबंधन
रंगासामी वर्ष 2011 में सरकार बनाने के समय अन्नाद्रमुक से अलग हो गए, जिसकी वजह से उन्हें जयललिता की आलोचना का सामना करना पड़ा। जयललिता ने उन्हें 'गद्दार' तक करार दे दिया था। एआईएनआरसी वर्ष 2016 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी, लेकिन सफलता दोहराने में कामयाब नहीं हुई और 17 सदस्यों के साथ कांग्रेस-डीएमके सरकार बनाने में सफल रही। रंगासामी वर्ष 2016 में नेता प्रतिपक्ष बने।
मैं पुदुचेरी के सीएम के रूप में शपथ लेने पर एन रंगासामी जी को बधाई देना चाहूंगा। आगे कार्यकाल की शुभकामनाएँ: पीएम नरेंद्र मोदी


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