आधारहीन आरोप से बचने PSC ने लिया बड़ा फैसला

ब्रेकिंग

Update: 2024-06-26 01:10 GMT

यूपी Uttar Pradesh । आरओ-एआरओ भर्ती 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक और फिर पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल एक अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका में हेरफेर के कारण आलोचना झेल रहे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग Uttar Pradesh Public Service Commission ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब आयोग की सबसे प्रतिष्ठित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा समेत सभी वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों की ओएमआर की एक प्रति आयोग के पास भी संरक्षित रहेगी।

Public Service Commission वर्तमान में वस्तुनिष्ठ परीक्षा दो ओएमआर (उत्तर पत्रक) पर कराई जाती है। ओएमआर की मूल प्रति परिणाम बनाने वाली कंप्यूटर एजेंसी को भेज दी जाती है और कार्बन कॉपी अभ्यर्थी अपने साथ ले जाते हैं। आयोग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं रहता। सचिव अशोक कुमार की ओर से मंगलवार को जारी सूचना के मुताबिक लोक सेवा आयोग की ओर से अब तक जारी सभी विज्ञापनों के लिए वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में प्रयुक्त होने वाला उत्तर पत्रक (ओएमआर) तीन प्रतियों में होगा। ओएमआर की प्रथम प्रति (मूल प्रति गुलाबी), द्वितीय प्रति (संरक्षित प्रति हरी) तथा तीसरी प्रति (अभ्यर्थी प्रति नीली) होगी। परीक्षा समाप्ति के बाद ओएमआर की मूल प्रति तथा संरक्षित प्रति जमा करा ली जाएगी एवं तीसरी प्रति (नीली) अभ्यर्थी अपने साथ ले जा सकेंगे।

इस फैसले से आयोग की भर्ती परीक्षाएं और पारदर्शी होंगी। साथ ही अभ्यर्थी आधारहीन आरोप नहीं लगा सकेंगे। भर्ती परीक्षाओं के बाद कुछ अभ्यर्थी मूल्यांकन में मनमानी, ओएमआर पर बाद में गोला भरने आदि के आरोप लगाते हैं। कुछ अभ्यर्थी बाद में अपनी ओएमआर का गोला भरकर परिणाम पर सवाल खड़ा करते हैं। लेकिन अब परिणाम तैयार करने के लिए गुलाबी प्रति के साथ छेड़छाड़ होती है या खो जाती है तो उसका मिलान आयोग में संरक्षित प्रति से किया जा सकेगा। छात्रों के किसी आरोप का सत्यापन भी आयोग अपने पास रखी कॉपी से कर सकेगा।


Tags:    

Similar News

-->