आंखों की बीमारी से पीड़ितों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं: ब्रजेश पाठक
लखनऊ: आंखों की बीमारी से पीड़ितों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं। इसमें किसी भी तरह की कोताही न बरती जाये। मोतियाबिंद मरीजों को ऑपरेशन की किसी भी दशा में तारीख न दी जाये। दृष्टिदोष पीड़ितों को मुफ्त चश्मा व दवाएं मुहैया कराई जाये। यह निर्देश सोमवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सीएमओ और सीएमएस को दिये।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जाये। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि कार्यक्रम के तहत प्रदेश में कुल 1165682 की सफल नेत्र सर्जरी की गयी है। इसमें मोतियाबंद समेत दूसरी आंखों की बीमारी से पीड़ितों की सर्जरी शामिल है। उन्होंने बताया कि काफी अस्पतालों में 'फेको' तकनीक से मोतियाबिंद के ऑपरेशन की सुविधा है। यह पूरी तरह से फ्री है। इसमें मरीजों को दवा आदि सब मुफ्त दी जा रही है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूल जाने वाले बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया। इनमें दृष्टिदोष से काफी बच्चे ग्रसित पाये गये। इन्हें डॉक्टर की सलाह पर जरूरी दवायें और निःशुल्क चश्मा वितरण किया गया है। समय-समय पर अस्पताल में आकर डॉक्टर की सलाह लेने को कहा गया है। ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में शिविर लगाकर बच्चों के आंखों की जांच करें। ताकि समय पर बीमार बच्चों की पहचान की जा सके। 75 हजार से अधिक बुर्जुगों को निःशुल्क चश्मा वितरण किया गया।