विकास प्राधिकरण के सचिव आरपी सिंह ने बताया कि राम मंदिर परिसर को सुरक्षित करने के लिए सुरक्षा समिति प्रशासन के द्वारा अनुरोध किया गया है कि राम जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र के लिए निषेधाज्ञा लागू की जाए. निषेधाज्ञा लागू किए जाने से पूर्व में एक मानक तय किया जाएगा, जिसकी बोर्ड बैठक पर चर्चा भी की गई है. प्राधिकरण के द्वारा एक कमेटी गठित की गई है. सुरक्षा विभाग, अभियोजन विभाग और सिटी कार्यालय के एक अधिकारी कमेटी में शामिल है, जिसकी बैठक भी हो चुकी है. राम जन्मभूमि परिसर से 100 मीटर की दूरी तक मानक के अनुरूप कोई भी नया निर्माण नहीं किया जा सकेगा. निर्मित मकानों का सुंदरीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा सकेगा, लेकिन जिलाधिकारी से अनुमति लेने के बाद रिनोवेशन का काम किया जा सकेगा.
300 मीटर के क्षेत्र में साढ़े 12 मीटर से ज्यादा ऊंची नहीं होगी इमारत
रामलला के मंदिर से 300 मीटर की दूरी तक का क्षेत्र भी नियंत्रित क्षेत्र होगा. इस क्षेत्र में जो भी निर्माण किए जाएंगे वह साढ़े 12 मीटर से ज्यादा ऊंचे नहीं हो सकेंगे बहुमंजिला इमारतों का निर्माण नहीं किया जा सकेगा. मकान बनवाने से पहले विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराना होगा और नक्शा पास कराने के दरम्यान यदि विकास प्राधिकरण को यह लगता है कि राम मंदिर से संबंधित कोई प्रश्न उठ सकता है तो उसके लिए जिला अधिकारी से एनओसी लेने के बाद ही नक्शे की संस्तुति की जाएगी.
शासन से अनुमति के बाद लागू होगी निषेधाज्ञा
राम मंदिर निर्माण के लिए परिसर का विस्तारीकरण होना है, जिसके लिए जमीन खरीदी जा रही हैं. अभी उसमें कितना एरिया शामिल किया जाना है यह साफ नहीं है. इसलिए सुरक्षा विभाग से राम जन्मभूमि परिसर का मानचित्र मांगा गया है, जिससे कि नियमावली के मानक तय किए जा सकें. मानक तय किए जाने के बाद उसको बोर्ड में भेजा जाएगा और बोर्ड की बैठक के बाद उसे शासन को अनुमति के लिए भेजा जाएगा. शासन के द्वारा नियमावली जारी की जाएगी और उसके बाद निषेधाज्ञा लागू की जा सकेगी.