प्रोफेसर पर गिरी गाज, बर्खास्त और कॉलेज में एंट्री बैन, एमबीए की छात्रा ने लगाया था ये आरोप

एक शर्मनाक मामला सामने आया है.

Update: 2021-08-07 03:25 GMT

कानपुर के मशहूर एचबीटीआई संस्थान से एक शर्मनाक मामला सामने आया है. जहां के एसोसिएट प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. प्रथम वर्ष में पढ़ने वाली एमबीए की छात्रा ने इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने आरोपी प्रोफेसर संजीव मिश्र के खिलाफ एक्शन लेते हुए उसे पद से बर्खास्त कर दिया है.

कॉलेज प्रशासन ने एसोसिएट प्रोफेसर संजीव मिश्र को कैंपस में प्रवेश करने से भी मना कर दिया है. साथ ही संस्थान के आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप से भी हटाते हुए नए प्रॉक्टर की तैनाती कर दी गई है. कॉलेज प्रशासन के इस कदम से छात्र बेहद खुश हैं.
वहीं इस मामले पर एसोसिएट प्रोफेसर संजीव मिश्र ने खुद को निर्दोष बताया है. उनका कहना है कि उन्हें किसी साजिश के तहत फंसाया जा रहा है और वो लड़की से बात कर सॉरी बोलकर उसकी गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं.
एचबीटीयू प्रशासन का कहना है कि वो ऐसे मामलों के साथ सख्ती से पेश आएंगे. यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं और उनके अभिभावकों में असुरक्षा की भावना न उत्पन्न हो सके. वहीं, पीड़ित छात्रा कॉलेज के इस एक्शन से काफी खुश है अब उसे पुलिस से भी न्याय की दरकार है.
इस मामले के सामने आने के बाद एचबीटीआई में हड़कंप मच गया था. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर शमशेर ने पांच सदस्यों की समिति गठित की थी, जिसमें चार महिला आचार्यों वाली कमेटी ने छात्रा से गहन पूछताछ की और प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर संजीव मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया.
एमबीए प्रथम वर्ष में पढ़ने वाली छात्रा ने एसोसिएट प्रोफेसर संजीव मिश्र पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. छात्रा का कहना था कि कोरोना काल में प्रोफेसर ऑनलाइन क्लास लेते थे. उसी दौरान उन्होंने फोन पर उसके साथ अश्लील बातें कीं.
छात्रा का आरोप था कि जबरन आई लव यू कहना का दबाव बनाया था और कॉलेज में टॉप कराने का भी लालच दिया था. इसके अलावा वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल कर डबल मीनिंग वाली बातें करते थे. एक बार उसके पैर में चोट लगने पर प्रोफेसर बोलने लगे कि घुटने को दिखाओ जहां चोट लगी है. मना करने पर भी बार-बार जिद करने लगे. ये भी कहने लगे कि पैर दिखाओ जहां-जहां चोट आई है. प्रोफेसर की ऐसी हरकतों से परेशान होकर उसने पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को शिकायत दी थी.
छात्रा ने कॉलेज प्रशासन पर भी सवाल उठाए थे. कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रोफेसर के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया. जब पुलिस में कंप्लेंट दर्ज कराई तो आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की गई. पीड़िता का कहना है कि ऐसे मामलों से समय पर सख्ती के साथ निपटने की जरूरत है.


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