प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर को 'आरंभ 2022' में सिविल सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे
गांधीनगर \दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जयंती के अवसर पर केवड़िया स्थित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का दौरा करेंगे। यहां वे सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। केवड़िया में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'आरंभ 2022' कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और वहां मौजूद प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे।
यह 'आरंभ' कार्यक्रम का चौथा संस्करण है और इस वर्ष की थीम है- 'अमृत काल में सुशासनः डिजिटल टेक्नोलॉजीज, फाउंडेशन टू फ्रंटियर्स'। आरंभ 2022 कार्यक्रम के अंतर्गत केवड़िया में 28 से 30 अक्टूबर के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों के दौरान विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर संबोधित करेंगे, जिसमें भारत अपनी टेक्नोलॉजी के आधार को सुदृढ़ करने और सार्वजनिक सेवाओं की डिलिवरी में सुधार के लिए टेक्नोलॉजी की सीमाओं का पता लगाने के लिए अपनी क्षमता को किस तरह बढ़ाए तथा विभिन्न क्षेत्रों में और केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे हो, जैसे विषयों का समावेश होता है। इस वर्ष आरंभ 2022 में ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज तथा रॉयल भूटान सिविल सर्विसेज के कुल 455 सिविल सेवा अधिकारी भाग ले रहे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री 31 अक्टूबर को संबोधित करेंगे।
2019 में हुई थी 'आरंभ' कार्यक्रम की शुरुआत: हर साल अक्टूबर-दिसंबर महीने के दौरान, देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा को पास करने वाले युवा सिविल अधिकारी मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में अपना फाउंडेशन कोर्स करते हैं। युवा दिमाग के लिए, यह फाउंडेशन कोर्स इस विशाल और विविधतापूर्ण देश में शासन के विचार, चुनौतियां और जिम्मेदारियों के साथ प्रथम परिचय कराता है। इस अकादमी में फाउंडेशन कोर्स में भाग लेने वालों को नेतृत्व, सिविल सेवकों के कौशल, प्रशासन और देश के लिए व्यक्तिगत कौशल एवं विजन का पाठ पढ़ाया जाता है। इन सभी का उद्देश्य प्रशासन को लोगों की जरूरतों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाने का है। साढ़े तीन महीने के इस कोर्स के दौरान बड़ी संख्या में देश और दुनिया के वक्ता, विशेषज्ञ और प्रेरणादायक व्यक्ति लोक प्रशासक के रूप में प्रशिक्षु अधिकारियों के विजन को आकार देने के लिए उनके साथ वार्तालाप करते हैं।
अकादमी की सीमित क्षमता के कारण फाउंडेशन कोर्स अब तक मसूरी सहित दो से तीन अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में एक साथ चलाया जाता था। फाउंडेशन कोर्स के दौरान सभी सेवाओं को एक साथ लाने तथा सिविल सेवकों के करियर की शुरुआत से ही सभी विभागों एवं सेवाओं को एकीकृत करने के विजन के साथ, ऑल इंडिया सिविल सर्विस, ग्रुप-ए सेंट्रल सर्विस और फॉरेन सर्विस के सभी प्रशिक्षुओं के लिए 2019 में पहली बार कॉमन फाउंडेशन कोर्स (सीएफसी) शुरू किया गया था। इस पहल को 'आरंभ' नाम दिया गया था। आरंभ नामक यह कॉमन फाउंडेशन कोर्स वर्ष 2019 में फाउंडेशन कोर्स के एक भाग के रूप में सिविल सेवकों को परिवर्तन का नेतृत्व करने और विभागों एवं क्षेत्रों में एकीकृत तरीके से कार्य करने में सक्षम बनाने के विजन के साथ प्रारंभ किया गया था। इस कार्यक्रम में विश्वस्तरीय संस्थानों के विशेषज्ञों की मदद से बदलती तकनीक और शासन के लिए इसकी संभावनाओं को समझने के लिए गुजरात के केवड़िया में 425 प्रशिक्षु अधिकारी एक सप्ताह के लिए शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम की थीम 'सिविल सेवकों को भविष्य के लिए तैयार करनाः 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ना' थी। इस पूरे प्रयोग का प्रधानमंत्री के समक्ष प्रेजेंटेशन किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत भी की।