यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Ukraine Russia War) के कारण कई भारतीय स्टूडेंट्स वापस लौटे हैं
जनता से रिश्ता वेबडस्क | रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Ukraine Russia War) के कारण कई भारतीय स्टूडेंट्स वापस लौटे हैं, जबकि अब भी कई वहीं फंसे हैं. यूक्रेन में जितने भी भारतीय छात्र हैं, उनमें अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई करने वहां गए थे. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने का प्रयास जारी है. इसके लिए भारत सरकार ने बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga). इस बीच युद्ध का मैदान बन चुके यूक्रेन से जो भारतीय छात्र-छात्राएं वापस लौटे हैं, उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बात की. पीएम ने छात्रों से भारत में मेडिकल एजुकेशन की स्थिति को लेकर बात की. जानिए पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा?
यूक्रेन से लौटे भारतीयों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने उन छात्रों और परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की जिन्होंने यूक्रेन से निकलने के दौरान आने वाली मुसीबतों के कारण भारत सरकार के प्रति गुस्सा और आक्रोश जताया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ऐसी मुसीबत की घड़ी में गुस्सा आना स्वभाविक है. जब उनका गुस्सा शांत होगा और वे हमारे प्रयासों को समझेंगे, तब वही लोग अपना प्यार भी जताएंगे.'
मेडिकल एजुकेशन पर मोदी ने क्या कहा
इन भारतीयों से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'अगर भारत में मेडिकल एजुकेशन की नीतियां पहले से सही होतीं, तो आप लोगों को पढ़ने के लिए विदेश नहीं जाना पड़ता. कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को इतनी कम उम्र में खुद से दूर विदेश नहीं भेजना चाहते.'
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पिछली गलतियों को सुधारने के लिए काम कर रही है. 'पहले देश में जहां 300 ले 400 मेडिकल कॉलेज (Medical Colleges in India) थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 700 के करीब हो चुकी है. भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने से मेडिकल की सीटें (MBBS Seats in India) भी बढ़ी हैं. पहले जहां 80 से 90 हजार सीटें थीं, अब उनकी संख्या करीब 1.5 लाख हो चुकी है.'
हर जिले में मेडिकल कॉलेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों से कहा कि 'मेरा प्रयास है कि भारत के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज हो. हो सकता है कि पिछले 70 साल में देश में जितने डॉक्टर नहीं बने, उससे ज्यादा अगले 10 साल में बन जाएं.'
पीएम मोदी ने कहा कि 'मेरी सांत्वना उन छात्रों के साथ है जिन्हें इतनी कम उम्र में ऐसे हालात और अनुभवों का सामना करना पड़ा. लेकिन एक मजबूत भारत इन मुश्किलों का जवाब है.' यूक्रेन से लौटे छात्रों ने मदद के लिए प्रधानमंत्री और भारत सरकार का धन्यवाद किया.