Atal Setu: प्रधानमंत्री मोदी ने 'अटल सेतु' का किया उद्घाटन, है समुद्र पर बना देश का सबसे लंबा पुल

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अटल सेतु' का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अटल सेतु' प्रदर्शनी का दौरा किया। देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज के बारे में बड़ी बातें… - मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी. अभी दो घंटे का वक्त लगता था. अटल …

Update: 2024-01-12 05:17 GMT

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अटल सेतु' का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अटल सेतु' प्रदर्शनी का दौरा किया।

देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज के बारे में बड़ी बातें…

- मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी. अभी दो घंटे का वक्त लगता था. अटल सेतु से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी भी मिलेगी. मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा.
- अटल सेतु के निर्माण में करीब 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है.
- लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. उम्मीद है कि इसके पूरा होने पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष चलता रहेगा.
- वाहन चालकों को अटल सेतु पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी. समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी.
- मानसून के दौरान उच्च-वेग वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं. बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है.

- सेवरी से 8.5 किमी लंबा नॉइज बैरियर स्थापित किया गया है, क्योंकि पुल का हिस्सा फ्लेमिंगो प्रोटेक्टेड एरिया और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से होकर गुजरता है.
- 2018 से परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने रोजाना काम किया. परियोजना पर काम करने के दौरान सात मजदूरों की जान चली गई.
- अटल सेतु को मुख्य मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो राज्य के दो सबसे बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा.
- समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना समुद्री ब्रिज निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा था. समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों को समुद्र तल में लगभग 47 मीटर तक खुदाई करनी पड़ी.

- हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि टोल 250 रुपये तय किया गया है. यह अन्य वाहनों के लिए आनुपातिक होगा. हमें स्पष्ट रूप से समझना होगा कि अन्य समुद्री लिंक के लिए टोल 85 रुपये से 90 रुपये है. उस अनुपात के हिसाब से 500 ​​रुपये काफी बड़ी रकम बनती है, लेकिन सरकार ने टोल 250 रुपये तय किया है.

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