प्रधानमंत्री मोदी ने कच्छ में जवानों के साथ मनाई दिवाली

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Update: 2024-10-31 08:32 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के कच्छ में जवानों के साथ दिवाली मनाई.

PM बनने के बाद कहां -कहां मनाई दिवाली
> बता दें, प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार 2014 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियाचिन में तैनात सुरक्षा बलों के साथ दिवाली मनाई थी. इसके अगले साल, उन्होंने 1965 के युद्ध में भारतीय सेना की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए पंजाब में तीन युद्ध स्मारकों का दौरा किया. 2016 में, उन्होंने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया और चीन की सीमा के पास आईटीबीपी, डोगरा स्काउट्स और सेना के जवानों से मुलाकात की.
> 2017 में, पीएम मोदी ने उत्तर कश्मीर के गुरेज सेक्टर में दिवाली मनाई, जबकि 2018 में उन्होंने उत्तराखंड के हर्षिल में जवानों को सरप्राइज देकर उनके साथ दिवाली का जश्न मनाया. 2019 में, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई, और 2020 में, लोंगेवाला की सीमा चौकी पर जाकर जवानों से मुलाकात की.
> 2021 में, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में जवानों के साथ दिवाली मनाई. पिछले साल, उन्होंने कारगिल में तैनात सैनिकों के साथ दिवाली का त्योहार मनाया था.
> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने लिखा-सभी देशवासियों को दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं. रोशनी के इस पावन पर्व पर मैं सभी के स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध जीवन की कामना करता हूं. मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की कृपा से सभी का कल्याण हो.
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भारत-चीन बॉर्डर पर सैनिकों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटी
भारत-चीन बॉर्डर पर देपसांग और डेमचोक में दोनों सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया बुधवार को पूरी हुई। आज दिवाली पर चीन और भारत के सैनिकों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटी। पेट्रोलिंग को लेकर जल्द ही ग्राउंड कमांडर के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी। ग्राउंड कमांडर में ब्रिगेडियर और उससे नीचे के रैंक के अधिकारी होते हैं।
दिवाली पर अरुणाचल प्रदेश के तवांग पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- हमारी कोशिश होगी कि मामले को डिसइंगेजमेंट से आगे बढ़ाया जाए, लेकिन इसके लिए हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा।
भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। ये तनाव तभी कम होगा, जब भारत को यकीन हो जाए कि चीन भी ऐसा ही चाह रहा है। तनाव कम करने के बाद, बॉर्डर को कैसे मैनेज किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
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