प्रधानमंत्री ने राजस्थान के जोधपुर में लगभग 5000 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी

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Update: 2023-10-05 14:05 GMT
जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजस्थान के जोधपुर में सड़क, रेल, विमानन, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लगभग 5000 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में एम्स, जोधपुर में 350 बिस्तरों वाले ट्रॉमा सेंटर और क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, पीएम-एबीएचआईएम के तहत 7 क्रिटिकल केयर ब्लॉक और जोधपुर हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन के विकास कार्य की आधारशिला रखना शामिल है। उन्होंने आईआईटी जोधपुर परिसर और राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के कार्य को भी राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कई सड़क विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी और 145 किलोमीटर लंबी डेगाना-राय का बाग और 58 किलोमीटर लंबी डेगाना-कुचामन सिटी रेल लाइनों के दोहरीकरण सहित दो अन्य रेल परियोजनाओं को समर्पित किया। श्री मोदी ने राजस्थान में दो नई ट्रेन सेवाओं - जैसलमेर को दिल्ली से जोड़ने वाली रुणिचा एक्सप्रेस और मारवाड़ जंक्शन को खम्बली घाट से जोड़ने वाली एक नई हेरिटेज ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वीर दुर्गादास की भूमि को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणाम आज की परियोजनाओं के साथ देखे और अनुभव किए जा सकते हैं और उन्होंने इसके लिए राजस्थान के लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां प्राचीन भारत का गौरव देश की वीरता, समृद्धि और संस्कृति में दिखाई देता है। उन्होंने हाल ही में जोधपुर में हुई अत्यधिक प्रशंसित जी-20 बैठक को भी याद किया। उन्होंने कहा कि बीकानेर और बाड़मेर से होकर गुजरने वाला जामनगर एक्सप्रेसवे और दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे राजस्थान में हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर के उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री ने मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा में राजस्थान के विशेष स्थान को याद करते हुए कोटा के योगदान का जिक्र किया और कहा कि कोशिश यह है कि राजस्थान शिक्षा के साथ-साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग का भी हब बने।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष राजस्थान में रेलवे के लिए लगभग 9500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कि पिछली सरकारों के औसत बजट से 14 गुना अधिक है। प्रधानमंत्री ने बताया कि आजादी से लेकर 2014 तक राजस्थान में सिर्फ अनुमानत केवल 600 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने पिछले 9 साल में 3700 किलोमीटर से अधिक लाइनों का विद्युतीकरण किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "अब इन लाइनों पर डीजल इंजन से चलने वाली गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलेंगी", उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण कम होगा और राज्य मे आबो हवा साफ रखने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत राजस्थान में 80 से ज़्यादा रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। उन्होंने देश में हवाई अड्डों के विकास की तरह ही उन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, जहां गरीबों का आना-जाना रहता है। इस संदर्भ में उन्होंने जोधपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना की आधारशिला रखने का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज की रेल और सड़क परियोजनाएं राज्य में विकास की गति को बढ़ावा देंगी। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि रेल लाइनों के दोहरीकरण के चलते ट्रेनों के यात्रा समय में कमी आई है और इस संदर्भ में उन्होंने जैसलमेर को दिल्ली से जोड़ने वाली रुणिचा एक्सप्रेस और मारवाड़ जंक्शन को खम्बली घाट से जोड़ने वाली एक नई हेरिटेज ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाने की घटना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनो में वंदे भारत एक्सप्रेस भी शुरू हो जाएगी।
इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र और केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी के साथ-साथ अन्य लोग भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने राजस्थान में दो नई ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाई। इनमें जैसलमेर को दिल्ली से जोड़ने वाली एक नई ट्रेन - रुणिचा एक्सप्रेस और मारवाड़ जंक्शन को खम्बली घाट से जोड़ने वाली एक नई हेरिटेज ट्रेन शामिल है। रुणिचा एक्सप्रेस जोधपुर, डेगाना, कुचामन सिटी, फुलेरा, रींगस, श्रीमाधोपुर, नीम का थाना, नारनौल, अटेली, रेवाड़ी से होकर गुजरेगी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के साथ सभी शहरों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। मारवाड़ जं.-खांबली घाट को जोड़ने वाली नई हेरिटेज ट्रेन पर्यटन को बढ़ावा देगी और क्षेत्र में रोजगार पैदा करेगी। इसके अलावा, दो अन्य रेल परियोजनाएं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी। इनमें 145 किमी लंबी 'डेगाना-राय का बाग' रेल लाइन और 58 किमी लंबी 'डेगाना-कुचामन सिटी' रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजनाएं शामिल हैं।
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