पुजारी की हत्या, परिजन ही शक के दायरे में

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Update: 2024-11-05 01:52 GMT

लखनऊ। दुबग्गा में बुजुर्ग पुजारी की सिर कूचकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बुजुर्ग के शरीर पर चोटों के निशान मिले हैं। ज्ञात हो कि बालागांज के हुसैनबाड़ी निवासी हरी शरण महाराज उर्फ रामशरण शुक्ल (75) रविवार रात अपने घर में लहूलुहान हालत में पड़े मिले थे। इसके बाद पुलिस और परिजनों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। जहां घायल बुजुर्ग को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बेटे की तहरीर पर पुलिस हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन में जुटी है।

इस घटना में रविवार देर रात पुलिस ने मारपीट का मुकदमा दर्ज किया था। हालांकि, सोमवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने हत्या की धारा बढ़ाकर जांच पड़ताल शुरू की है। परिजनों ने लूट के दौरान बदमाशों द्वारा हत्या करने की बात कहते हुए अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। वहीं, पुलिस को लूट व चोरी के घर में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस संपत्ति विवाद समेत अन्य बिंदुओं पर जांच कर रही है।

बालागंज के हुसैनबाड़ी निवासी मृतक के बेटे उमा शंकर शुक्ल ने बताया की पिता हरी शरण महाराज उर्फ रामशरण शुक्ल मूल रूप से माल के रहने वाले थे। कई साल पहले उन्होंने माल की सारी संपत्ति बेच दी थी। इसके बाद मौरा खेड़ा शिव सिटी में दो मकान बनवाए थे। उन्होंने हुसैनबाड़ी के अलावा एक अन्य मकान भी खरीदा था। मृतक पुरोहित का काम करते थे और एक मकान में अकेले रहते थे। जबकि मां उर्मिला और बहन रजनी पड़ोस के दूसरे मकान में रहती थी। रविवार रात मां और बहन खाना लेकर पहुंची तो कमरे में पिता खून से लथपथ पड़े थे। यह देखकर दोनों चीख पड़ीं। शोर सुनकर आस-पड़ोस के लोग आ गए। आनन-फानन में पिता को ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उमाशंकर ने आरोप लगाते हुआ बताया कि चार से पांच बदमाश दीवार फांदकर चोरी के इरादे से घर में घुसे थे। पिता जगते मिले तो उन पर हमला बोल दिया। फिर मरा समझ कर भाग निकले।


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