पुजारी ने बंद कमरें लगाई फांसी, जानिए क्या है वजह

परिजन सदमें में

Update: 2023-06-01 18:52 GMT
अनूपपुर। अनूपपुर जिले के कोतमा थाना क्षेत्र में एसटी एससी एक्ट के तहत केस दर्ज होने से आहत पुजारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। परिजनों ने पुलिस पर एक लाख रुपए मांगने के आरोप लगाए। वहीं एसपी ने थाना प्रभारीअजय बैगा को लाइन अटैच कर जांच के लिए एसडीओपी कीर्ति बघेल को आदेश दिए हैं।दरअसल, घटना खोड़री नंबर 1 की है। यहां निवासी 50 वर्षीय पुजारी रामेश्वर पांडेय के खिलाफ सुशीला रैदास नाम की महिला ने 30 मई को कोतमा थाने में मारपीट कर जातिगत अपशब्दों का प्रयोग किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई। जिसके बाद पुलिस ने बुधवार-गुरूवार की रात लगभग 1 बजे पुजारी रामेश्वर पांडेय को घर से उठाकर थाना ले आई। पुलिस ने पुजारी को रात भर थाने में बंद कर रखा। आरोप है कि पुलिस ने रामेश्वर पांडेय के मोबाइल से उसके परिजनों को फोन कर मामला दर्ज न करने के एवज में 1 लाख की मांग की गई।
रुपये नहीं देने पर पुलिस ने पुजारी रामेश्वर पांडेय के खिलाफ धारा 294, 323, 506, एवं 3(1) द, 3(1) घ, 3(2)(व्हीए) एसटीएससी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर 24 घंटे के बाद मुचालका जमानत पर छोड़ा दिया। जिसके बाद आत्मग्लानि से 1 जून की सुबह रामेश्वर पांडेय ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। परिजनों सहित ग्रामीणों ने कोतमा पुलिस पर झूठी शिकायत दर्ज करने और 1 लाख रुपये की मांग करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। सूचना मिलते ही एसडीओपी कीर्ति बघेल ने मौके पर पहुंचकर परिजनों का बयान दर्ज किया। मृतक के चाचा रामाधार पांडेय और बहन ने बयान में बताया कि उनसे केस दर्ज ना करने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की गई। पुलिस ने परिजनों को समझाइश देकर शव को पोटमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया। इधर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र पवॉर ने थाना प्रभारी अजय बैगा को लाइन अटैच कर दिया है। एसपी ने बताया कि थाना प्रभारी को लाइन अटैच करते हुए एसडीओपी कीर्ति बघेल को जांच के निर्देश दिए गए है। जांच कर निश्चित ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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