नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल इस साल समाप्त होने जा रहा है। अगर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) उनकी उम्मीदवारी को नहीं दोहराती है तो देश को एक नया राष्ट्रपति मिल सकता है। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। एनडीए के पास फिलहाल 9000 वोट कम हैं। इसे पूरा करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कंधों पर होगी। वहीं, विपक्ष को बड़ा झटका लग सकता है। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की YSRCP और ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती है।
आपको बता दें कि जून महीने के मध्य में राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने अभी से ही इस पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। उम्मीदवारों के नाम को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। साथ ही गैर-राजग दलों को टटोलने पर भी काम चल रहा है। मई माह से इन दलों के साथ औपचारिक संवाद व संपर्क का काम शुरू होगा।
जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर चर्चा शुरू कर दी है। मई की शुरुआत में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बैठक आयोजित करने की उम्मीद है। इस बीच तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विपक्ष के उम्मीदवार के लिए समर्थन जुटाने के लिए बीजू जनता दल (बीजेडी) को साथ लाने के लिए पार्टी नेताओं को प्रतिनियुक्त किया है।
आपको बता दें कि बीजेडी मोदी सरकार को मुद्दों पर आधारित समर्थन देती रही है। बीजेडी ने 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और संसद में तीन तलाक सहित महत्वपूर्ण कानूनों के पक्ष में मतदान किया था। हालांकि, विपक्ष को लगता है कि वह बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक को मना सकता है। वहीं, जगनमोहन रेड्डी की YSRCP भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में ही मतदान करने के मूड में है।
राष्ट्रपति का निर्वाचक मंडल 10,98,903 वोट का है। इसमें जीत के लिए बहुमत का आंकडा 5,49,452 है। इसमें एक सांसद का वोट का मूल्य 708 है। देश के 4,120 विधायकों में हर राज्य की जनसंख्या व सीटों की संख्या के आधार पर विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश के विधायक का सबसे ज्यादा 208 वोट मूल्य है। बीजेडी और वाईएसआर के समर्थन के साथ ही ये आंकड़े पूरे हो जाने की संभावना है।
इस साल 24 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में जुलाई में चुनाव के लिए मतदान होगा। इसके बाद उप राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि, उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं, इसलिए वहां पर भाजपा व राजग के पास अपना पर्याप्त बहुमत है।
आपको बता दें कि 2022 के राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी एकता के लिए महत्वपूर्ण हैं। विपक्षी दल बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का मौका तलाश रहे हैं। 2017 के राष्ट्रपति चुनावों से अब तक भाजपा ने शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सहित सहयोगियों को खो दिया है। यह एक संख्या का खेल होगा जो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की परीक्षा लेगा।
साभार: लाइव हिंदुस्तान