नई दिल्ली: भारत के 15वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए देशभर के सांसद और विधायक वोटिंग कर रहे हैं। इस बीच एक विधायक ने राष्ट्रपति चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। यह विधायक हैं अकाली दल के मनप्रीत सिंह अयाली। फेसबुक पर जारी एक वीडियो में मनप्रीत ने कहा कि वह न तो एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को वोट डालेंगे और न ही विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को। गौरतलब है कि आज राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में देश के कुल 776 सांसद और 4,033 विधायक वोट डाल रहे हैं। इसमें अकाली दल ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया है। लेकिन उनके एक विधायक ने वोट न डालने का फैसला लिया है।
वीडियो में अयाली कहते हैं कि सिख समुदाय के भावनाओं को सुनते हुए, पंजाब के मुद्दों को देखते हुए और अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मैंने राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को वोट न देने का फैसला किया है। अयाली ने कहा कि वह कांग्रेस को वोट नहीं दे सकते हैं। कांग्रेस 1984 के सिख दंगों और ऑपरेशन ब्लू स्टार के साथ-साथ सिखों के अधिकारों के हनन के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है कि वह पंजाब के किसी मुद्दे का हल निकाल सकती है। हालांकि मनप्रीत सिंह अयाली को भाजपा पर भरोसा है। लेकिन वह कहते हैं कि केंद्र में लंबे समय से शासन में होने के बावजूद उन्होंने पंजाब के मसलों का हल निकालने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बारे में अयाली ने कहा कि उनके नामांकन से पहले सिख समुदाय से बातचीत नहीं की गई थी। इसके अलावा उन्होंने अकाली नेतृत्व से सत्ताधारी दल के प्रत्याशी के समर्थन को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं और मुझे उनसे कोई समस्या नहीं है। लेकिन भाजपा केंद्र में होने के बावजूद पंजाब के मुद्दों पर काम नहीं कर रही है। सिख कैदियों को छोड़ने, चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार और सतलुज यमुना लिंक नहर पर कोई काम नहीं हुआ है। गौरतलब है कि अकाली दल के पंजाब विधानसभा में तीन विधायक हैं।