राष्ट्रपति चुनाव: एचडी कुमारस्वामी का बड़ा बयान आया, जानें

Update: 2022-06-18 10:20 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: लोकमत

बेंगलुरु: राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही नूरा-कुश्ती में जनता दल (सेक्यूलर) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।

कुमारस्वामी ने कहा कि 89 साल के जनता दल (सेक्यूलर) के संरक्षक और उनके पिता एचडी देवेगौड़ा की एकमात्र इच्छा है कि वो अपने जीवनकाल में कर्नाटक में जनता दल सेक्यूलर की स्वतंत्र सरकार बनाते हुए देखना चाहते हैं।
कुमारस्वामी ने कहा, "कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति प्रत्याशी के लिए हुए चुनावी मंथन के लिए मुझे और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेगौड़ा को तृणमूल की ओर से आयोजित विपक्ष की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। हम उस बैठक में शामिल हुए थे जिसमें लगभग 17 दलों ने भाग लिया था, जिन्होंने राष्ट्रपति पद के संभावित प्रत्याशियों के लिए अपनी-अपनी राय व्यक्त की थी।
बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए संभवत: 20 जून को एक और बैठक बुलाई जाएगी, क्योंकि पिछली बैठक में विपक्षी दलों के बीच कोई सहमति नहीं बनी थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "जनता दल सेक्यूलर के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा का नाम राष्ट्रपति पद की रेस में नहीं है और न ही उनकी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी केवल यही इच्छा है कि वो अपने जीवनकाल में जनता दल सेक्यूलर की कर्नाटक में सरकार बनते हुए देखना चाहते हैं।
कुमारस्वामी ने कहा कि केंद्र में सत्ताधारी भाजपा नीत एनडीए के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए 15 जून को हुई बैठक में 17 विपक्षी दलों ने भाग लिया, कई नामों पर चर्चा हुई, जो इस पद को धारण करने की योग्यता रखते हैं।
लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई इसलिए आगामी 20 और 21 जून मुंबई में एनसीपी नेता शरद पवार के आवास पर फिर से बैठक होगी। उम्मीद है कि उस बैठक का सकारात्मक नतीजा निकले और निपक्ष को संभावित राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी मिल जाए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष की बैठक में नेताओं ने ममता बनर्जी के बैठक में उस प्रस्ताव पर चर्चा हुई कि भारतीय स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के साल में होने वाले आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष किसी ऐसे प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारे, जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम करे और मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कवायद को रोक सके।
मालूम हो कि कांग्रेस और तृणमूल समेत कई विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र के वयोवृद्ध नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनने का आग्रह किया था, लेकिन शरद पवार ने विपक्षी दलों के बीच आम सहमति न बन पाने के कारण इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए आगामी 18 जुलाई को वोटिंग होनी है और 22 जुलाई को चुनाव परिणाम की घोषणा की जाएगी। 


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