नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत नहीं आएंगे। समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। चीन की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति जिनपिंग के बजाय चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग नई दिल्ली आएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग 5-7 सितंबर को जकार्ता में 43वें आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद सीधे नई दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। वीवीआईपी एयरक्राफ्ट के लिए फ्लाइट प्लान तैयार कर दिया गया है। हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा आधिकारिक सूचना का अभी भी इंतजार किया जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजीलीयाई राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा सहित जी-20 के अधिकतर सदस्य देशों के नेताओं ने पहले ही शिखर सम्मेलन में शामिल होने की पुष्टि कर दी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी को अवगत करा चुके हैं कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उनका भारत की यात्रा करना संभव नहीं होगा।
फिलहाल मोदी सरकार राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने के कारणों के बारे में चुप्पी साधे हुए है, लेकिन चीन द्वारा जारी किया गया नया नक्शा टेंशन की एक वजह हो सकता है। चीनी प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने 28 अगस्त को विवादास्पद मानचित्र जारी किया जो भारत के इलाकों सहित दक्षिण चीन सागर में कथित तौर पर चीन की सीमाओं को दर्शाता है। भारत ने मंगलवार को चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा किया गया है। भारत ने कहा था कि इस तरह के कदम सीमा विवाद के समाधान को केवल जटिल बनाते हैं।