राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली ने प्रथम वैश्विक पोषक अनाज सम्मेलन आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की
नई दिल्ली: गुयाना गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली ने आज नई दिल्ली के पूसा में प्रथम वैश्विक पोषक अनाज (श्री अन्न) सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और कहा कि यह सम्मेलन खाद्य असुरक्षा की विश्व की सबसे प्रमुख चुनौती का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डॉ. इरफ़ान अली ने आज एक वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (आईवाईओएम) घोषित करने के सम्मान में मोटे अनाजों के विशिष्ट उत्पादन के लिए अपने देश में 200 एकड़ भूमि की भी पेशकश की। उन्होंने कहा कि इसके बदले भारत इस चमत्कारी भोजन के कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा।
डॉ. इरफ़ान अली ने कहा कि मोटे अनाज न केवल एक किफायती और पौष्टिक विकल्प हैं, बल्कि फसलों का यह समूह जलवायु परिवर्तन की अनिश्चितताओं के प्रति भी अनुकूल है। उन्होंने 17 कैरेबियाई देशों में मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रचार में हर संभव सहायता का वादा किया, जो मोटे अनाजों को कैरेबियाई समुदाय में लोकप्रिय बनाएगा।
डॉ इरफ़ान अली ने कहा कि भारत मोटे अनाजों के उत्पादन और निर्यात दोनों में वैश्विक रुप से अग्रणी है और मोटे अनाजों के वैश्विक उत्पादन और लोकप्रिय बनाने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
इथियोपिया की राष्ट्रपति सुश्री साहले-वर्क ज़ेवडे ने एक अन्य वीडियो संबोधन में मोटे अनाजों पर वैश्विक सम्मेलन के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को हार्दिक बधाई दी और कहा कि यह विश्व की सरकारों और नीति निर्माताओं को चमत्कारी मोटे अनाजों के प्रचार और उत्पादन के लिए प्रेरित करेगा।
सुश्री साहले-वर्क ज़ेवडे ने कहा कि मोटे अनाज न केवल इथियोपिया जैसे उप-सहारा देश की बल्कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सुश्री सहले-वर्क ज़ेवडे ने कहा कि प्रथम वैश्विक पोषक अनाज सम्मेलन से उपजे विचार 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को आकार देने में भी सहायता करेंगे।