नई दिल्ली | भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नए युद्धपोत महेंद्रगिरि को लॉन्च करने की पूरी तैयारी हो गई है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की पत्नी सुदेश धनखड़ 1 सितंबर को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में भारत के नए युद्धपोत महेंद्रगिरि को लॉन्च करेंगी। महेंद्रगिरि, प्रोजेक्ट 17ए का सातवां और आखिरी स्टील्थ फ्रिगेट है।
प्रोजेक्ट 17ए के तहत चार युद्धपोत मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में और बाकी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता में बनाए जा रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अगस्त को जीआरएसई में प्रोजेक्ट 17ए के छठे युद्धपोत विंध्यगिरि को लॉन्च किया था। नौसेना के अधिकारियों का कहना है, "महेंद्रगिरि हमारे देश द्वारा आत्मनिर्भर नौसैनिक बल के निर्माण में की गई अविश्वसनीय प्रगति का एक उपयुक्त प्रमाण है।" प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक क्लास) फ्रिगेट्स का फॉलोअप है, जिसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन सिस्टम हैं।
प्रोजेक्ट 17ए के तहत पिछले पांच युद्धपोत 2019-22 के दौरान लॉन्च किए गए थे। इन युद्धपोतों का लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब रक्षा में आत्मनिर्भरता होना सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीनी सैनिक अपनी निगरानी बढ़ा रहे हैं, ऐसे में भारतीय सेना-नौसेना (पीएलएएन) अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए मिलकर प्रयास कर रही हैं। सभी प्रोजेक्ट 17ए युद्धपोत वर्तमान में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और 2024-26 के दौरान नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है।
क्या होगी खूबियां
इस प्रोजेक्ट के जहाज को दुश्मन के विमानों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस तरह के उन्नत जहाजों में लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी लैस की गई है। दो 30 मिमी रैपिड-फायर बंदूकें जहाज को नजदीक से रक्षा क्षमता मुहैया करागी जबकि एक एसआरजीएम गन प्रभावी नौसैनिक को गोलाबारी में सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाएगी। स्वदेशी रूप से विकसित ट्रिपल ट्यूब लाइट वेट टारपीडो लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर जहाज की पनडुब्बी रोधी क्षमता में इजाफा करेंगे।