पटना (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए को जनादेश मिलने के कुछ ही समय के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ जाने के बाद सत्ता से दूर हुई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार में अभी से ही लोकसभा और विधानसभा की तैयारी में जुटी दिख रही है। भाजपा बिहार के साथ केंद्र में फिर से अपनी सरकार बनाने को लेकर भाजपा लगातार कोशिशें कर रही है। इसी को लेकर पार्टी संगठन स्तर पर भी बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसी के तहत भाजपा वैसे जिलाध्यक्षों को हटाने जा रही है, जिनका दो टर्म पूरा हो गया है।
पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भी बिहार पहुंचे थे और वैशाली लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें चुनाव जीतने का मंत्र दिया था।
इधर, भाजपा जिलास्तर पर वैसे जिलाध्यक्षों को हटाने की रणनीति बनाई है, जो दो टर्म पूरा कर चुके हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि रविवार की दिल्ली में आयोजित प्रदेश कोर कमिटी की बैठक में इसका फैसला भी ले लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि बिहार भाजपा ने उन जिलाध्यक्षों की छुट्टी कर दी है जिनका दो टर्म पूरा हो चुका है।
ऐसे जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। वहीं समीकरण के आधार पर पार्टी ने वैसे जिलाध्यक्षों का कार्यकाल बढ़ा दिया है, जिनका एक टर्म ही हुआ है। रविवार को दिल्ली में बिहार भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में सभी 45 सांगठनिक जिलाध्यक्षों के नामों पर मुहर लग गई। बताया जाता है कि 14 जनवरी के बाद इनका नाम सार्वजनिक किया जाएगा।
यह तय है कि जिन जिलाध्यक्षों को नियुक्ति होगी उनके नेतृत्व में ही अगला लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा, ऐसे में भाजपा किसी प्रकार का मौका नहीं चुकाना चाहती है।
सूत्रों का कहना है कि 20 से ज्यादा जिलाध्यक्षों की छुट्टी हो सकती है।