प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले सफल होगा अविरल-निर्मल गंगा का संकल्प: सीएम योगी
लखनऊ (आईएएनएस)| यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मां गंगा, उत्तर प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार हैं। गंगा जी के बहाव के सर्वाधिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। यह हमारी आस्था का केंद्र बिंदु हैं तो अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी है। मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को एक बैठक के दौरान कहा कि प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रारंभ होने से पहले तक मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा। नदियों को सीवरेज के गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एसटीपी लगाए जाने की कार्यवाही में तेजी की अपेक्षा है। आज गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है, तो तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना गंगा के साथ साथ सहायक नदियों के लिये भी है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुआ है। कानपुर के जाजमऊ और सीसामऊ में गंगाजी में गंदे पानी को गिरने से रोकने के लिये प्रभावी प्रयास किया गया है। आज यह सेल्फी पॉइंट बन गया है। योगी ने कहा कि गंगा सहित सभी नदियों की अविरलता, निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए और प्रयास किए जाएं।
उन्होंने कहा कि 'अर्थ गंगा' अभियान का सर्वाधिक लाभ उन करोड़ों लोगों को होगा जिनकी आजीविका गंगा पर ही निर्भर है। अर्थ गंगा से सकल घरेलू उत्पाद में 3 फीसद का योगदान होने के लक्ष्य के साथ हमें ठोस प्रयास करना होगा। विशेषज्ञों की सहायता से इसे एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किये जाएं।
सीएम ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और विषमुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गंगा के दोनों तटों पर 5-5 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। प्रदेश में 27 जनपद गंगा से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। वर्तमान में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है। इस बार यहां उत्पादन अच्छा हुआ है। जीरो बजट वाली इस खेती के अच्छे परिणामों के तुलनात्मक रिपोर्ट के साथ किसानों को जागरूक किया जाए।
योगी ने कहा कि अब तक प्रदेश में 66,180 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती तहत लाया गया है। एक लाख से अधिक किसान जैविक खेती से लाभान्वित हो रहे हैं। सभी किसानों को भारत सरकार के जैविक खेती पोर्टल से जोड़ा जाए। जैविक उत्पादों की पहचान करने और गुणवत्ता सुनिश्चित के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। इसी प्रकार सभी कृषि मंडियों में जैविक उत्पाद के आउटलेट भी स्थापित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे अनेक तीर्थ क्षेत्र, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थल और असीम प्राकृतिक सुंदरता है। हमें इन क्षेत्रों में पर्यटन की नवीन संभावनाओं को बढ़ावा देना चाहिए। यहां एडवेंचर टूरिज्म, वॉटर स्पोर्ट टूरिज्म की अपार संभावना है।
उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों, भूतपूर्व सैनिकों आदि के सहयोग से गंगा नर्सरी विकसित करने के प्रयास किये जायें। यहां हमें नर्सरी से लेकर फलों के प्रसंस्करण बाकी पूरी वैल्यू चेन बनानी चाहिए। यह 'गंगा उत्पाद' गंगा किनारे के लोगों के लिए आय के स्थायी साधन बन सकते हैं।
नदी संस्कृति के प्रति व्यापक जागरूकता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। जल संरक्षण, नदियों की स्वच्छता, नदी पुनर्जीवन, स्वच्छता के अभियान से बच्चों को भी जोड़ा जाना चाहिए। माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में इस विषय को शामिल किया जाए।