Pratapgarh करोड़ों खर्च करने के बाद भी अब तक नहीं बुझी प्यास

Update: 2024-12-29 10:53 GMT
Pratapgarh. प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ प्रतापगढ़ जिला सम्पूर्ण आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं। जिले के दक्षिण में धरियावद उपखण्ड का सबसे बड़ा कस्बा पारसोला व आसपास की ग्राम पंचायत आड़, मानपुर, चरपोटिया, देवला, अम्बाव, भरकुंडी व लोहागढ़ सहित दर्जनों ग्राम पंचायत के कई गांव ढाणी व फळे मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। वर्ष 2020 में मोदी सरकार द्वारा शुद्ध पेयजल के लिए प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन हर घर को जल योजना का आगाज किया तो आमजन को शुद्ध पेयजल आपूर्ति की आस जगी। दिसंबर 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना का वर्चुअल
शिलान्यास किया।


शिलान्यास के बाद ठेकेदार ने गांव-फळे में 50 हजार से 5 लाख लीटर पानी की क्षमता वाली टंकियां बनाई। एक टंकी निर्माण व पाइप लाइन का बजट करीब एक करोड़ रुपए का है। ऐसे में दर्जनों ग्राम पंचायत में बनी टंकियां पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी गले प्यासे रह गए हैं। गांवों, मोहल्लों में जगह-जगह, सडक़ों को खोदकर पाइप लाइनों को बिछाया गया। घर के बाहर नलकूप खड़े किए तो लगा कि अब पानी आएगा। लेकिन विभाग व ठेकेदार की लापरवाही से आमजन परेशान हो रहा है। ग्राम पंचायत आड़ के सरपंच मनोहरलाल मीणा ने बताया कि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। टंकिया, पाइप लाइन टूट गई है। ग्राम पंचायत चरपोटिया के घनेरा व गुड़ा ग्राम पंचायत अम्बाव के धोलीमगरी, उल्टन, ग्राम पंचायत पारसोला के बोहरा वाड़ी में पाइप लाइन भी नहीं बिछाई गई है। खड़े किए नलकूप व पाइप लाइन अभी से क्षतिग्रस्त हो गई है।
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