नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ बिखरे विपक्ष को एकजुट करने के लिए इन दिनों कवायदें चल रही हैं. बिहार से नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाल रखा. वहीं राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं. इस बीच दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एनसीपी ने अपना 8वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया.
इसमें एक रिपोर्ट जारी की गई. जिसमें विपक्षी एकता पर चर्चा हुई. इस सभा को संबोधित करते हुए एनसीपी राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार एकमात्र ऐसे नेता हैं जो तमाम मतभेदों के बावजूद सभी गैर-भाजपा दलों को एक साथ ला सकते हैं.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि केसीआर, स्टालिन, ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी, चौटाला व कांग्रेसी नेता शरद पवार के पास आते हैं. इसके पीछे पवार का विजन है. वो सभी दलों को एक साथ ला सकते हैं. पटेल की इस बात का केरल के अध्यक्ष पीसी चाको ने भी समर्थन किया.
चाको पू्र्व कांग्रेसी नेता हैं, उन्होंने सभा में कांग्रेस पर कटाक्ष किए. उन्होंने कहा कि मैं सभी विपक्षी दलों को बताना चाहता हूं कि आपका पुराना गौरव खो चुका है. प्रमुख विपक्षी दल ने चार साल में यूपी में एक भी पंचायत चुनाव नहीं जीता है. फिर वे इस देश का नेतृत्व कैसे करने जा रहे हैं.
राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले एनसीपी ने शनिवार को कार्यसमिति की बैठक की थी. जहां पार्टी ने विपक्षी एकता का आह्वान किया था. इसी बैठक में शरद पवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया.
रविवार को राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरद पवार ने पार्टी नेताओं से सात मुद्दों पर एकजुट होने के लिए कहा. इनमें किसान, सांप्रदायिक सद्भाव, महंगाई, महिलाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी, सीमा मुद्दे और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग शामिल थे. पवार ने इस दौरान बिलकिस बानो केस को लेकर भाजपा पर हमला भी किया. इस अधिवेशन में एनसीपी हरियाणा अध्यक्ष चौधरी वेद पाल के साथ ही कई अन्य नेताओं ने पवार को 2024 का प्रधानमंत्री भी बताया.