जालंधर। पावरकॉम के दफ्तरों में लैंडलाइन फोन नंबरों से बिजली उपभोक्ता अक्सर परेशान रहते हैं कि संबंधित कर्मचारी फोन उठाने के प्रति ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाते। लोगों की इस समस्या का समाधान करते हुए विभाग ने आदेश जारी किया है कि अगर लैंडलाइन फोन खराब या बंद पाया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त विभागीय 'कार्रवाई' की जाएगी। आमतौर पर उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि कई दफ्तरों के कर्मचारी फोन उठाने में आनाकानी करते हैं, जिससे लोगों को अक्सर अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए परेशान होना पड़ता है। वहीं, लैंडलाइन फोन (रिसीवर उठाकर रख देने) को लेकर भी शिकायतें आ रही हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब है। ऐसी शिकायतें पावरकॉम के हेड ऑफिस में नियमित रूप से पहुंचती रहती हैं, जिसके चलते पावरकॉम ने यह आदेश जारी किया है। जनता की सुविधा के मद्देनजर पावरकॉम के उप महासचिव/जनरल (पीएसपीसीएल) द्वारा जारी पत्र नंबर 21140/21690, जीबीटी 1041 की कॉपी पावरकॉम के डीजीपी, इंजीनियर इन चीफ, महाप्रबंधकों, सभी कार्यालयों के मुख्य लेखा अधिकारियों, उप मुख्य इंजीनियर, सर्किल प्रमुख और इस रैंक के सभी अधिकारियों, एक्सियनों, एसडीओ और इन सभी रैंक के अधिकारियों को भेजा गया है।
वहीं, डायरेक्टर रैंक से संबंधित सीनियर अधिकारियों से जुड़े दफ्तोरं में भी इस कॉपी को भेज दिया गया है। विभाग द्वारा जारी इस फरमान को अमल में लाने के लिए अधिकारी क्या कदम उठाते हैं यह देखने वाली बात होगी, क्योंकि दफ्तरों में लैंडलाइन फोन उठाने का काम कर रहे ऑपरेटरों द्वारा अगर कोई रास्ता निकाला गया तो उपभोक्ताओं की परेशानी जारी रहेंगी। जानकारों का कहना है कि जिम्मेदार संबंधित अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए सख्त कदम उठाने का निर्णय फोन उठाने के प्रति गंभीरता दिखाएगा। विभाग के इस आदेश से भविष्य में बिजली उपभोक्ताओं को लैंडलाइन फोन पर अपना काम करने में काफी आसानी होगी। उपरोक्त विषय के संबंध में लिखा गया है कि पीएसपीसीएल प्रबंधन ने आदेश दिया है कि पीएसपीसीएल के विभिन्न कार्यालयों में लैंडलाइन टेलीफोन चालू हालत में रखे जाएं और यदि लैंडलाइन टेलीफोन में किसी भी प्रकार की खराबी आती है तो तुरंत संबंधित विभाग/कंपनी से संपर्क कर फोन को ठीक कराया जाना चाहिए। यदि कोई लैंडलाइन खराब या बंद मिला तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय के सैक्शन इंचार्ज या कंट्रोलिंग की होगी। यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उपरोक्त निर्देशों का लिखित रूप में पालन किया जाए।