BSF को सर्च और गिरफ्तार करने का अधिकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया

Update: 2021-10-13 08:56 GMT

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ा दिया है और अब बीएसएफ के अधिकारियों को गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती की शक्तियां दी गई हैं. बीएसएफ अधिकारी पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में गिरफ्तारी और तलाशी ले सकेंगे. बीएसएफ को सीआरपीसी, Passport Act and Passport (Entry to India) Act के तहत ये करवाई करने का अधिकार मिला है.

असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में पुलिस की तर्ज पर बीएसएफ (BSF) को सर्च और अरेस्ट करने का अधिकार मिला है. बीएसएफ (BSF) के अधिकारी तीनों राज्यों में बांग्लादेश और पाकिस्तान बॉर्डर से 50 किलोमीटर देश के राज्यों में कार्रवाई कर सकेंगे. इससे पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था. इसके अलावा बीएसएफ नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और लद्दाख में भी सर्च और अरेस्ट कर सकेगी.
हालांकि इसके साथ ही गुजरात में बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र को कम किया गया है और सीमा का विस्तार 80 किमी से कम होकर 50 किमी हो गया है, जबकि राजस्थान में दायरा क्षेत्र पहले की तरह ही 50 किलोमीटर रखा गया है. पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी सीमा निर्धारित नहीं है.
सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (Border Security Force Act 1968) की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सीमा से लगे इलाकों के 'शेड्यूल' को संशोधित किया है, जहां बीएसएफ के पास पासपोर्ट अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्तियां होंगी.


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