नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के लाहौल में दूर-दराज के लोगों तक उनकी चिट्ठियां पहुंचाने के लिए हर रोज करीब 32 किलोमीटर पैदल चलने वाले पोस्टमैन प्रेम लाल को डाक विभाग का प्रतिष्ठित मेघदूत पुरस्कार मिला। सूबे के मंडी मंडल में मेल रनर के पद पर तैनात प्रेम लाल के क्षेत्र में लाहौल की उदयपुर शालग्रान मेल लाइन एरिया आता है, जिसे कवर करने के लिए करीब 32 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
आपको बता दें कि यह पुरस्कार वर्ष 1984 में शुरू किया गया था और यह डाक विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च पुरस्कार है। यह आठ श्रेणियों में दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रुपये, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं।
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक पोस्टमैन प्रेमलाल के प्रशस्ति पत्र में लिखा है, 'जिस इलाके में आप काम करते हैं, वह साल में अधिकांश वक्त तक बर्फ से ढका रहता है। इस इलाके में सर्दियों के दौरान हिमस्खलन भी होता है। इस जोखिम और खतरे से भरे रास्ते पर प्रेमलाल हर दिन अपनी यात्रा को निर्बाध रूप से पूरा करते हैं।' बता दें कि यह इलाका समुद्र तल से 9000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है।
केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन कर्मयोगी की कल्पना के अनुरूप डाक विभाग द्वारा विकसित ई लर्निंग पोर्टल 'डाक कर्मयोगी' को भी इस दौरान लॉन्च किया। प्रेमलाल के अलावा इस मौके पर जिन कर्मचारियों को मेघदूत पुरस्कार से नवाजा गया है उनमें ओडिशा परिमंडल के कटक दक्षिण मंडल के बांकी तुलसीपुर शाखा डाकघर के डाकपाल अशोक कुमार साहू, कर्नाटक परिमंडल के कार्यालय में पदस्थ डाक सहायक धंनजय टी, दिल्ली परिमंडल के मेल मोटर सर्विस के तकनीकी पर्यवेक्षक विजेन्द्र सिंह राणा, महाराष्ट्र परिमंडल के गोवा क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक डाक अधीक्षक संदीप गुंडू कडगांवकर, बिहार परिमंडल कार्यालय में पदस्थ सहायक निदेशक रणधीर कुमार, हैदराबाद में स्थित सीईपीटीके उप प्रबंधक चल्ला सी नागेष और तमिलनाडु डाक परिमंडल के दक्षिण क्षेत्र मदुरै के सहायक निदेशक के कलैवाणी शामिल हैं।