पटना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. दो सीबीआई की कार्रवाई के दो दिन बाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने अब केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरजेडी ने केंद्र सरकार के खिलाफ पोस्टर वॉर छेड़ दिया है.
पटना स्थित आरजेडी कार्यालय के बाहर रविवार को एक नया पोस्टर लगाया गया है. पार्टी कार्यालय के बाहर लगाए गए इस नए पोस्टर में आरजेडी ने केंद्र सरकार और सीबीआई पर हमला बोला है. इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बात करते हुए दिखाया गया है कि कैसे दोनों नेता बिहार में जातीय जनगणना कराने के पक्ष में हैं.
इस पोस्टर में साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तस्वीर है जिसमें दर्शाया गया है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश और तेजस्वी को अलग करने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर रही है. पोस्टर में ये भी दिखाया गया है कि नीतीश और तेजस्वी ये कह रहे हैं 'दोनों मिलकर जातीय जनगणना करवाएंगे.' प्रधानमंत्री को इस पोस्टर में ये कहते दिखाया गया है कि हम तो सीबीआई भेजेंगे.
इस पोस्टर के जरिए आरजेडी ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि जिस तरीके से जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ आए हैं, उससे बीजेपी परेशान है. बीजेपी अब सीबीआई का इस्तेमाल करके लालू यादव के परिवार और नीतीश कुमार को डराने की कोशिश कर रही है. पोस्टर में सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते के तौर पर प्रस्तुत किया गया है.
बता दें कि लालू यादव पर रेल मंत्री रहते समय 2004 से 2009 के बीच गलत तरीके से नौकरियां देने का आरोप है. लालू पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी के बदले जमीन और घर अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम से लिखवा लिया. इस मामले को लेकर लालू समेत उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद बेटी मीसा भारती और एक लालू की एक और बेटी हेमा यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. सीबीआई ने 20 मई को इसी मामले में लालू के दिल्ली, पटना और गोपालगंज स्थित कुल 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी.